पटना : राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी यादव की नसीहत, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सुप्रीमो जीतनराम मांझी की आकांक्षा के विस्तार और विकासशील इंसान पार्टी अध्यक्ष मुकेश साहनी के चुनाव नहीं लडऩे के ऐलान के बाद माना जा रहा है कि महागठबंधन में अभी भी बहुत कुछ ठीक नहीं चल रहा है। इस बीच सूत्रों के अनुसार राजद के संभावित प्रत्याशियों की एक सूची समाने आई है। इस पर विश्वास करें तो भाजपा के बागी सांसद शत्रुघ्न सिन्हा पटना साहिब सीट से राजद के उम्मीदवार होंगे। दिल्ली-पटना-रांची में कई दौर के महामंथन के बाद भी सीट बंटवारे का झंझट पूरी तरह सुलझा नहीं है। कांग्रेस के हिस्से की संख्या (11 सीटें) तय कर देने के बाद बाकी सीटों के बंटवारे के लिए घटक दलों में कलह शुरू है। उधर, राजद ने साथी दलों से हैसियत के मुताबिक सीटें मांगने की सलाह दी है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद के अल्टीमेटम के बाद कांग्रेस समेत तमाम सहयोगी दलों ने महामंथन कर सीट बंटवारे के फॉर्मूले को मोटे तौर पर तय कर लिया था। शुक्रवार को कांग्रेस ने चुनाव संचालन समिति की बैठक के बाद यह भी एलान कर दिया था कि रविवार को प्रेस कान्फ्रेंस करके सबकुछ बता दिया जाएगा। साथ ही दावा भी किया था कि उसके हिस्से में 11 सीटें आई हैं। सबकुछ सही बताने के अगली सुबह से ही खटपट दोबारा प्रारंभ हो गया। सहयोगी दलों की ओर से कहा जाने लगा कि अभी सीटों की दावेदारी में लोचा है।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा की तुलना में ज्यादा सीटों के लिए मचल रहे मांझी ने तीन के बदले पांच सीटें मांग दीं। नवादा, शिवहर, औरंगाबाद, गोपालगंज, जमुई, उजियारपुर, महाराजगंज, बेतिया, मधेपुरा, पूर्णिया समेत दर्जन भर सीटों पर अभी भी तकरार है। नवादा से राजद ने अभी अरुण कुमार का नाम तय किया है। शिवहर और बेतिया में से किसी एक सीट को ब्राह्मण के हवाले करने पर राजद में विचार किया जा रहा है। इसके लिए दो दावेदार हैं राजन तिवारी और रघुनाथ झा के पुत्र अजित झा। नया नेतृत्व अजित के पक्ष में है। राजन के नाम पर विचार नहीं करने की स्थिति में शिवहर से अबु दोजाना का नाम तय है। वैशाली सांसद रामा सिंह के नाम पर तेजस्वी का किंतु-परंतु है। इसी तरह जमुई और गोपालगंज में किसी एक पर उपेंद्र कुशवाहा ने भी दावा कर रखा है। गोपालगंज में उन्हें दसई चौधरी के लिए और जमुई में भूदेव चौधरी के लिए दबाव बनाया जा रहा है। तेजस्वी के करीबी आलोक मेहता के लिए राजद ने उजियारपुर को सुरक्षित रख छोड़ा है, किंतु कुशवाहा भी प्रयासरत हैं। कहा जा रहा है कि काराकाट का माहौल उन्हें रास नहीं आ रहा है। महाराजगंज अभी कांग्रेस के खाते में है, लेकिन प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रंजीत सिंह के लिए राजद की भी कोशिश जारी है। पहले चरण के लिए सोमवार से पर्चे दाखिल किए जाने हैं। ऐसी स्थिति में पहले और दूसरे चरण के प्रत्याशियों की घोषणा एक-दो दिनों में किया जा सकता है।