चेन्नई : लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही राजनेताओं में जुबानी जंग तेज हो गई है। कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक दूसरे पर निशाना साधने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं। इस क्रम में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चेन्नै में प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी में सवालों का सामने करने का साहस नहीं है। वह (पीएम) सवालों को क्यों नहीं लेते हैं? राहुल ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी ने भारतीय जवानों को सुरक्षित करने के लिए कुछ नहीं किया। पुलवामा हमले का जिक्र करते हुए राहुल ने फिर कहा कि हमले के आर्किटेक्ट मसूद अजहर को एनडीए सरकार ने उस वक्त क्यों छोड़ा था? कांग्रेस चीफ ने कहा, ‘बीजेपी और आरएसएस के खिलाफ हमारी विचारधारा की लड़ाई है।
आखिर मोदी जी बात क्यों नहीं करते? वह मुझसे भले ही बात न करें, लेकिन वह प्रेस से भी बात नहीं करते हैं। वह सवालों से डरे रहते हैं। ऐसा क्यों है कि सारे विपक्षी नेताओं को प्रेस कॉन्फ्रेंस करना पसंद है, लेकिन पीएम कभी कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करते।’ राहुल ने गठबंधन पर कहा, ‘कांग्रेस कई राज्यों में स्थानीय पार्टियों के साथ गठबंधन पर बात कर रही है। तमिलनाडु, महाराष्ट्र और झारखंड में गठबंधन मजबूत है। बिहार में गठबंधन पर बातचीत फाइनल है। जम्मू-कश्मीर में गठबंधन पर बातचीत अंतिम चरण में है। हम जल्द इस बारे में औपचारिक तौर पर कुछ कह पाएंगे।गठबंधन कांग्रेस के पास नहीं है ऐसा कहना गलत होगा, क्योंकि दरअसल बीजेपी के पास गठबंधन नहीं है।’
उन्होंने कहा, ‘तमिलनाडु की जनता के साथ धोखा हो रहा है। दरअसल तमिलनाडु को दिल्ली से कंट्रोल किया जा रहा है। नरेंद्र मोदी तमिलनाडु की सरकार चला रहे हैं।’ राहुल ने चुनावी मुद्दे गिनाते हुए कहा कि इस बार जीएसटी, बेरोजगारी, जॉब क्रिएशन, किसानों के मुद्दे जैसे कई मामले प्रमुख हैं। उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि तमिलनाडु के किसानों ने जंतर-मंतर में कितना मार्मिक प्रदर्शन किया था लेकिन सरकार के पास उनसे बातचीत का वक्त नहीं था।’
पुलवामा हमले में राहुल ने कहा, ‘जिस हमले में 40 जवानों की नृशंस हत्या हुई थी, उस हमले के आर्किटेक्ट को 1999 में एनडीए ने क्यों छोड़ा था, इसे स्पष्ट करने की जरूरत है। इससे पता लगता है कि बीजेपी को आतंकियों से कितनी हमदर्दी है।’ उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा दल के अजीत डोभाल भी उस डील में शामिल थे। सच्चाई है कि केंद्र सरकार जवानों को सुरक्षा नहीं दे पा रही है।