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राजमार्ग के लिए जमीन देने वाले किसानों को मिलेगा ज्यादा मुआवजा

dds_1453682045नई दिल्ली/मुंबई. राजमार्ग के लिए जमीन देने वाले किसानों को सरकार ज्यादा मुआवजा देगी। इसका मकसद हाईवे प्रोजेक्ट में तेजी लाना है।
 
राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि मंत्रालय ने नए कानून के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई), एनएचआईडीसीएल और दूसरे निकायों को किसानों का मुआवजा बढ़ाने का निर्देश दिया है। 
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितीन गडकरी ने पिछले दिनों कहा था कि सरकार इन किसानों को न सिर्फ जमीन की कीमत का चार गुना मुआवजा देगी, बल्कि उन्हें प्रोजेक्ट में इक्विटी हिस्सेदारी भी दी जाएगी।
 
एनएचएआई ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर काम फिर शुरू कर दिया है। मुआवजे के मुद्दे पर किसानों के विरोध के कारण पलवल में इसका काम रुका हुआ था। अब प्राधिकरण ने ज्यादा मुआवजा दे दिया है।
 
राष्ट्रीय राजमार्गों के लिए 2013 का नया भूमि अधिग्रहण कानून जनवरी 2015 से लागू हुआ है। लेकिन ज्यादा मुआवजे की मांग के कारण जमीन का अधिग्रहण हो नहीं पा रहा था।
 
एक अनुमान के मुताबिक अभी राजमार्गों के लिए जमीन अधिग्रहण से जुड़े करीब 2,000 मामले अदालतों में लंबित हैं। गौरतलब है कि सरकार ने रोजाना 30 किलोमीटर राजमार्ग बनाने का लक्ष्य रखा है। लेकिन पिछले साल अगस्त में यह 16 किलोमीटर के आसपास था। अधिकारियों का अनुमान है कि अप्रैल तक देश में रोजाना 17-18 किमी राजमार्ग बनने लगेगा। 2014 में तो रोजाना सिर्फ 13 किमी. राजमार्ग बन रहा था।
 
इन किसानों को मिलेंगे ज्यादा पैसे
 
ज्यादा पैसे उन किसानों को मिलेंगे जिनकी मुआवजा राशि पुराने कानून के तहत तय की गई थी, लेकिन अभी तक उन्हें भुगतान नहीं हुआ है। जिन किसानों का मुआवजा 1 जनवरी 2015 से पहले तय हुआ लेकिन जमीन का अधिग्रहण नहीं हुआ है, उन्हें भी इस फैसले का लाभ मिलेगा।

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