नई दिल्ली: राज्यसभा में संविधान पर विशेष चर्चा के समापन के मौके पर बोलते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि संविधान हमारे लिए एक उत्सव के समान होना चाहिए।
इस मौके पर उनके द्वारा कही गई 10 अहम बातें –
- नेहरू ने दोनों सदनों के सहयोग की बात कही थी। दोनों सदनों के सहयोग पर सफलता निर्भर करती है। राज्य सभा की अपनी अहमियत है।
- संविधान निर्माताओं को एक बात साेचने की जरूरत नहीं पड़ी कि कभी एथिक कमेटी का निर्माण करना पड़े, लेकिन हम लोगों को एथिक कमेटी का निर्माण करना पड़ा।
- भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद और मुनाफाखोरी को खत्म करना होगा।
- हमारा संविधान सामाजिक दस्तावेज भी है। इसे जीकर दिखाना हमारा दायित्व भी बनता है।
- समता, ममता, समभाव, ममभाव हो, उसी से समाज चलेगा।एकता का मंत्र भारत जैसे देश में केंद्रस्त होना चाहिए।बिखरने के लिए तो बहुत बहाने मिल सकते हैं, हमें जुड़ने के अवसर खोजने होंगे।
- एक भारत-श्रेष्ठ भारत मेरे मन में कल्पना है। राष्ट्र को बनाने के लिए महापुरुषों ने काम किया, उनके बारे में जानें तो अच्छा होगा।
- हर किसी के सकारात्मक योगदान से राष्ट्र बनता है। हम पक्ष और विपक्ष से उठकर एक भी तो हों।
- बाबा अंबेडकर के कामों को देश नकार नहीं सकता। बाबा साहब औद्योगिकरण के पक्ष में थे।
- संविधान हमें जोड़ने की ताकत देता है।भारत का संविधान एक महान राजनीतिक उद्यम है।
- कानून बनाने के लिए ही हमें भेजा गया है। तू-तू, मैं-मैं से देश नहीं चलता। साथ-साथ चलता है।