राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की रणनीति प्रदेश में कोविड संक्रमण नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध हो रही : मुख्यमंत्री
लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि राज्य सरकार की ‘ट्रेस, टेस्ट एण्ड ट्रीट’ की रणनीति प्रदेश में कोविड संक्रमण नियंत्रित करने में कारगर सिद्ध हो रही हैं। इस नीति को निरन्तर प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश देते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना संक्रमण अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है। इसलिए संक्रमण से बचाव के सम्बन्ध में थोड़ी लापरवाही भी भारी पड़ सकती है। उन्होंने कहा कि इसके दृष्टिगत कोरोना प्रोटोकॉल का पूर्णतया पालन सुनिश्चित कराया जाए तथा कोविड-19 से बचाव और उपचार की व्यवस्था को प्रभावी रूप से जारी रखा जाए।
मुख्यमंत्री आज यहां अपने सरकारी आवास 5, कालिदास मार्ग पर आहूत एक उच्चस्तरीय बैठक में प्रदेश में कोविड-19 की स्थिति की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत 24 घण्टों में राज्य में कोरोना संक्रमण के 59 नए मामले प्रकाश में आये हैं। इसी अवधि में 149 संक्रमित व्यक्तियों को सफल उपचार के बाद डिस्चार्ज किया गया है। वर्तमान में प्रदेश में कोरोना संक्रमण के एक्टिव मामलों की संख्या 1,479 है। पिछले 24 घण्टों में प्रदेश में कुल 2,35,959 कोरोना टेस्ट किये गये। राज्य में अब तक कुल 6 करोड़ 1 लाख 81 हजार 87 कोरोना टेस्ट सम्पन्न हो चुके हैं। राज्य में कोरोना संक्रमण की रिकवरी दर 98.6 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर लगातार नियंत्रण रखने के लिए प्रभावी कार्यवाही जारी रखी जाए। अन्य राज्यों से आने वाले लोगों की अनिवार्य रूप से स्क्रीनिंग की जाए। स्वास्थ्य विभाग द्वारा व्यापक कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की जाए। पुलिस द्वारा पेट्रोलिंग बढ़ाये जाने के साथ ही प्रभावी प्रवर्तन कार्यवाही भी की जाए। पब्लिक एड्रेस सिस्टम का प्रयोग करते हुए संक्रमण के प्रति लोगों को निरन्तर जागरूक एवं कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के प्रति सचेत किया जाए। स्थानीय प्रशासन फल मण्डी, सब्जी मण्डी सहित विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर भीड़ एकत्र न होने देने के लिए प्रभावी कार्यवाही करे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड संक्रमण के सम्बन्ध में विशेषज्ञों के भविष्य के आकलनों को ध्यान में रखते हुए कांवड़ संघों से संवाद कर न्यूनतम लोगों की सहभागिता का अनुरोध किया जाए। इस सम्बन्ध में दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा एवं उत्तराखण्ड राज्यों से भी संवाद कर कांवड़ यात्रा के सम्बन्ध में आवश्यक दिशा-निर्देश निर्गत किये जाएं। उन्होंने कहा कि कांवड़ यात्रा के लिए अन्य राज्यों से प्रदेश में आने वालों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट की अनिवार्यता लागू किये जाने पर भी विचार-विमर्श कर निर्णय लिया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों में पीपीपी मॉडल पर मेडिकल कॉलेजों की स्थापना के सम्बन्ध में आवश्यक विचार-विमर्श कर नीति शीघ्र तैयार की जाए। राज्य में स्थापित होने वाले मेडिकल कॉलेज प्रदेशवासियों को बेहतर चिकित्सा सुविधा सुलभ कराने में अत्यन्त उपयोगी सिद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि मेडिकल कॉलेजों में चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर बल देते हुए उन्होंने कहा कि इस सम्बन्ध में बेहतर व्यवस्था बनायी जानी चाहिए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि उनके निर्देशानुसार मेडिकल कॉलेजों में पीडियाट्रिक आईसीयू निर्माण की कार्यवाही तेजी से गतिशील है। अब तक राजकीय मेडिकल कॉलेजों में 3,532 तथा प्राईवेट मेडिकल कॉलेजों में 2,915 पीकू बेड स्थापित किये जा चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सुविधाओं को सुदृढ़ करने के लिए प्रत्येक जनपद में सीएचसी/पीएचसी स्तर पर हेल्थ एटीएम की सुविधा स्थापित की जानी चाहिए। उन्होंने इस सम्बन्ध में प्रभावी कार्यवाही सुनिश्चित किये जाने के निर्देश देते हुए कहा कि हेल्थ एटीएम के संचालन के लिए कार्मिकों की ट्रेनिंग का कार्य यथाशीघ्र प्रारम्भ कर दिया जाए। हेल्थ एटीएम के संचालन हेतु कार्मिकों के प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक जनपद के लिए मास्टर ट्रेनर्स तैयार कराये जाएं। उन्होंने कहा कि विभिन्न संस्थाओं को सीएसआर मद से हेल्थ एटीएम की स्थापना हेतु प्रेरित किया जाए।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि 12 जुलाई, 221 से ‘दस्तक अभियान’ प्रारम्भ हो गया है। यह अभियान 25 जुलाई, 221 तक संचालित किया जाएगा। इस दौरान डेंगू, फाइलेरिया, मलेरिया, इन्सेफेलाइटिस आदि विभिन्न रोगों से प्रभावित रोगियों की पहचान एवं उपचार की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही, लोगों को स्वच्छता, सैनिटाइजेशन, पोषणयुक्त भोजन आदि की महत्ता के प्रति भी जागरूक किया जाएगा। ‘दस्तक अभियान’ के सम्पन्न होने के उपरान्त आयुष्मान भारत योजना के अन्तर्गत गोल्डेन कार्ड बनाये जाने का विशेष अभियान संचालित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि राज्य में ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना का कार्य पूरी गति से संचालित किया जा रहा है। इस कार्य की जनपद व शासन स्तर पर नियमित समीक्षा भी की जा रही है। प्रदेश में अब तक कुल 541 ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना की स्वीकृति प्राप्त हुई है। विगत दिवस तक इनमें से 153 ऑक्सीजन संयंत्रों को क्रियाशील करा दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन इसके संक्रमण के प्रति एक सुरक्षा कवच है। इसके दृष्टिगत वैक्सीन की निरन्तर एवं पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य निर्बाध एवं सुव्यवस्थित ढंग से संचालित किया जाए। कोरोना टीकाकरण के लिए वैक्सीनेशन सेण्टर पर उतने ही लोगों को बुलाया जाए, जितने लोगों का वैक्सीनेशन किया जाना सम्भव हो। उन्होंने कहा कि कोरोना वैक्सीनेशन का कार्य व्यवस्थित ढंग से संचालित करने के लिए लोगों को ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए प्रेरित व प्रोत्साहित किया जाए। मुख्यमंत्री को अवगत कराया गया कि विगत दिवस तक राज्य में कोरोना वैक्सीन की कुल 3 करोड़ 76 लाख 99 हजार 6 डोज एडमिनिस्टर की जा चुकी हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जनसमस्याओं का शीघ्र एवं प्रभावी निस्तारण राज्य सरकार की सर्वाच्च प्राथमिकताओं में सम्मिलित है। प्रदेश में कोरोना संक्रमण पर प्रभावी नियंत्रण के पश्चात उनके (मुख्यमंत्री जी) के आवास पर ‘जनता दर्शन’ कार्यक्रम पुनः प्रारम्भ किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि तहसील दिवस एवं थाना दिवस की कार्यवाही को प्रभावी ढंग से आगे बढ़ाया जाए। सभी जनपदों में तहसील दिवस मंगलवार के स्थान पर प्रत्येक माह के प्रथम एवं तृतीय शनिवार को आयोजित किया जाए। थाना दिवस प्रत्येक द्वितीय एवं चतुर्थ शनिवार को सम्पन्न कराया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तहसील एवं थाना दिवस पर प्राप्त होने वाले आवेदन पत्रों का निराकरण प्रत्येक दशा में अगले 5 दिवस के भीतर कराया जाए। आवेदन पत्रों का निस्तारण गुणवत्तापरक ढंग से किया जाना चाहिए। किसी भी दशा में जनशिकायतें/समस्याएं लम्बित नहीं रहनी चाहिए। प्रकरणों के निस्तारण की समीक्षा के लिए तहसील स्तर पर अपर जिलाधिकारी तथा थाना स्तर पर अपर पुलिस अधीक्षक स्तर के अधिकारी को नामित किया जाए। तहसील/थाना दिवस कार्यक्रमों में वरिष्ठ अधिकारी भी अपनी सहभागिता सुनिश्चित करें। इन दिवसों के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए जिलाधिकारी एवं पुलिस अधीक्षक/वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक उत्तरदायी होंगे।
मुख्यमंत्री ने राज्य में एक्सप्रेस-वे परियोजनाओं का निर्माण कार्य पूरी गति से संचालित करने के निर्देश देते हुए कहा कि प्रदेश के सभी एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक क्लस्टर की स्थापना के सम्बन्ध में कार्य योजना तैयार की जाए। उन्होंने कहा कि पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एवं बुन्देलखण्ड एक्सप्रेस-वे पर औद्योगिक क्लस्टर स्थापना के सम्बन्ध में कार्यवाही को तेजी से आगे बढ़ाया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आवश्यक खाद्य वस्तुओं के मूल्य में वृद्धि नहीं होनी चाहिए। भारत सरकार द्वारा आवश्यक खाद्य वस्तुओं के भण्डारण की अधिकतम सीमा तय की गयी है। खाद्य विभाग द्वारा आवश्यक खाद्य वस्तुओं का मूल्य नियंत्रण करने के लिए व्यापक रूप से जरूरी कार्यवाही की जाए। सभी जनपदों में जमाखोरी के खिलाफ अभियान चलाया जाए। मुख्यमंत्री को यह भी अवगत कराया गया कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अन्तर्गत 5 जुलाई, 221 से निःशुल्क राशन का वितरण पुनः प्रारम्भ किया गया है। विगत दिवस तक 2.92 करोड़ राशन कार्डधारकों को निःशुल्क खाद्यान्न वितरित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों की सहायता के लिए हेल्पलाइन को प्रभावी ढंग से संचालित किया जाए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के माध्यम से प्रत्येक जनपद में प्रतिदिन कम से कम 1 वरिष्ठ नागरिकों के साथ संवाद स्थापित किया जाए। वरिष्ठ नागरिकों को दवा आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए आशा वर्कर का सहयोग भी लिया जाए। वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष एम्बुलेंस सेवा संचालित करने के सम्बन्ध में भी विचार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आकाशीय बिजली से बचाव के सम्बन्ध में तकनीक उपलब्ध है। इस तकनीक का उपयोग कर आकाशीय बिजली की सम्भावना वाले क्षेत्रों के नागरिकों को पहले से सतर्क कर उनकी जीवन रक्षा की जा सकती है। आकाशीय बिजली से होने वाली दुर्घटनाओं को नियंत्रित करने के लिए तकनीक का इस्तेमाल करते हुए एलर्ट सिस्टम विकसित किया जाए। उन्होंने निराश्रित गोआश्रय स्थलों की व्यवस्था को और बेहतर बनाये जाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के कारण जिन लोगों का असामयिक निधन हुआ है, उन भूमिधरों की वरासत, उनके विधिक उत्तराधिकारियों के पक्ष में खतौनी में दर्ज करने के लिए ‘विशेष वरासत अभियान’ संचालित किया जा रहा है। 18 जुलाई, 221 तक के लिए प्रस्तावित इस अभियान को अगले एक सप्ताह के लिए और विस्तार दिया जाए।