गरमाई सियासत : राजबब्बर ने अमित शाह से मांगा इस्तीफा
लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय अमितभाई शाह की संपत्ति को लेकर हुए खुलासे के बाद अब राजनीति और गरमा गई है। यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राज बब्बर ने अमित शाह से इस्तीफा मांगा है। उन्होंने कहा कि अमित शाह के पूर्ववर्ती भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे चुके हैं। राज बब्बर ने भाजपा के पूर्व अध्यक्ष लालकृष्ण आडवाणी, नितिन गडकरी और स्व. बंगारू लक्ष्मण से सीख लेना चाहिए। उनके पूर्ववर्ती भी नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे चुके हैं। राज बब्बर ने तंज कसते हुए कहा कि ‘इतने कम समय में वही इतनी कमाई कर सकता है, जिसके अंकल प्रधानमंत्री हों और पापा मोटाभाई शाह हों।‘ राज बब्बर ने यह भी कहा कि भाजपा को यही ‘विद्या‘ अब आम आदमी को भी सिखानी चाहिए। कांग्रेस दफ्तर में आयोजित एक प्रेस वार्ता में भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए राजबब्बर ने कहा कि एक बेचारा चाय बेचने वाला, जो सवा सौ करोड़ देश वासियों को तीन साल में महंगाई, बेरोजगारी, लाचारी ही दे पाया था कि अचानक उसके बगल से भ्रष्टाचार ने भी जन्म ले लिया।राजबब्बर ने कहा इस बीजेपी की सरकार में बेटा मॉडल सिखाया जाता है, क्योंकि इस तरह के विद्या का ज्ञानी वही हो सकता है, जिसके अंकल पीएम हों और पापा मोटाभाई शाह हों।
राज बब्बर ने कहा कि पहला सवाल यह है कि जो टेम्पल प्राइवेट कंपनी थी, वह आखिर क्या व्यापार करती थी? दूसरा सवाल यह कि तीन साल चलाने के बाद इसे अचानक क्यों बंद करना पड़ा? जय शाह की कंपनी को 51 करोड़ रुपये का विदेशी निवेश भी आया है, यह किस आधार पर आया है? प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि एक सवाल यह भी है कि कुसुम कंपनी, जो एक छोटी सी कंपनी थी, रातों-रात उसे एक बड़ी प्राइवेट लिमिटेड कंपनी में बदला गया और इसे कालूपुर सहकारिता बैंक से 25 करोड़ रुपये कर्ज दिया गया था, जबकि इसके बदले में जो जमीन बंधक थी, उसकी कुल कीमत ही 6 करोड़ थी। क्या सरकार ऐसे कुछ और उदाहरण दे सकती है, जिन पर ऐसी अनुकंपा की गई हो। राज बब्बर ने कहा कि कांग्रेस केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल से पूछना चाहती है कि क्या जय शाह कोई मंत्री हैं, जो उनके बचाव के लिए देश के कैबिनेट मंत्री को आगे आना पड़ा। जनता जानना चाहती है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जो काफी गरीब परिवार से आते हैं, वह गरीबों के हक की रक्षा करेंगे या सिर्फ दोस्ती निभाएंगे।