रात में जागने वाले बच्चा इस बीमारी का हो सकते हैं शिकार
दस्तक टाइम्स/एजेंसी
न्यूयार्क :इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स के साथ बच्चों का रातभर व्यस्त रहना आम बात हो गई है। लेकिन इससे उनके स्वास्थ्य पर कितना प्रतिकूल असर पड़ता है, इसका खुलासा एक ताजा शोध में हुआ है।अगर आपका किशोर बच्चा रातभर जागता है, तो उसे जल्द यह आदत छोड़ने को कहना जरूरी है, क्योंकि एक शोध के अनुसार पांच वर्षों के अंदर उसके मोटापे का शिकार होने की आशंका बढ़ सकती है।शोध के मुताबिक, जल्द बिस्तर पर जाने वाले बच्चों की तुलना में देर रात तक जागने वाले वयस्क अथवा किशोर बच्चों का वजन बढ़ने की संभावना अधिक होती है।यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-बर्कले में सेवारत सुप्रसिद्ध बाल-विशेषज्ञ लॉरेन असरनाउ की अध्यक्षता में यह शोध किया गया।निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए लगभग पांच वर्षों तक 3,300 से भी अधिक किशोरों एवं वयस्कों पर शोध किया गया। यह शोध ‘स्लीप’ नामक पत्रिका में प्रकाशित हुई है।लॉरेन असरनाउ ने बताया कि शोध के दौरान किशोर अवस्था से लेकर उनके वयस्क होने तक उनमें होने वाले शारीरिक परिवर्तन का बारीकी से अध्ययन किया गया। इस अवधि के दौरान उन्होंने कितने घंटे की नींद ली, ये सारे आंकड़े जुटाए गए। शोधकर्ताओं ने पाया कि रात्रि के दौरान अगर उन्होंने एक घंटे की नींद नहीं ली तो उनका बॉडी मास इन्डेक्स (बीएमआई) 2.1 प्वॉइंट बढ़ गया। इस तरह पांच वर्ष के अंदर उनका मोटापा बढ़ता गया।शोध में जो परिणाम सामने आए उसके मुताबिक, अधिकांश किशोर रात में नौ घंटे की सामान्य नींद भी नहीं लेते हैं। इस कारण स्कूल में उन्हें जगे रहने में परेशानी का सामना करना पड़ता है। गौरतलब है कि जिस वक्त मोटापा हावी होने के संकेत मिलते हैं, उस वक्त शारीरिक और चयापचई क्रियाओं को नियमित करने वाली प्रकिया (ह्यूमन सरकाडियन रिदम) प्रतिकूल रूप से प्रभावित होने लगती है। शोध के अनुसार, समय पर सोने वाले किशोर ज्यों-ज्यों वयस्क होने लगते हैं, उन पर मोटापा हावी नहीं होता और उनका शरीर सुडौल बना रहता है।