रामपुरी बनाम चार मीनारी

यूपी के रामपुरी खां साहब के चर्चे सिर्फ और सिर्फ इसी राज्य तक सीमित नहीं हैं। उनके फायर ब्राण्ड भाषण और तल्ख टिप्पणी से हर कोई वाकिफ है। वे साइकिल वाली पार्टी का मुस्लिम चेहरा भी हैं। लेकिन जिस तरह से चार मीनार की नगरी के एक नेता ने इन दिनों मुस्लिमों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए आग उगल रहे हैं, उससे उनकी तुलना खां साहब से होने लगी है। कई लोग तो यह भी कह रहे हैं कि खां साहब की तुलना में चार मीनारी नेता खासे प्रभावी हैं। ऐसे में साइकिल पर उनको सवार कर लेना फायदेमंद साबित होगा। लेकिन यदि ऐसा हुआ तो खां साहब फैल जायेंगे तब उनको बटोरना मुश्किल होगा। बिहार विधानसभा चुनाव के ऐलान होने से पहले ही जब महागठबंधन तार-तार हो गया और चार मीनारी नेता ने भी बिहार में ताल ठोंकने की घोषणा कर दी तो एक बार यह कोशिश भी हुई कि चार मीनारी नेता को भी साइकिल का साथी बना लिया जाये। लेकिन डर सिर्फ खां साहब के रूठने का था क्योंकि करीब साल भर बाद ही यूपी में भी चुनावी बयार बहने लगेगी। तब पता नहीं यहां का ऊंट किस करवट बैठे।