कहा जा रहा है कि मोदी चेहरे का आकर्षण कम होने की वजह से लोकसभा 2019 का पूरा जिम्मा इस बार संघ ने उठा लिया है। इसी कड़ी में मंदिर आंदोलन का मुद्दा आगे किया जा रहा है। दशहरे के दिन संघ प्रमुख का मंदिर निर्माण को लेकर दिए गए भाषण को स्वयंसेवकों ने लकीर मान लिया है। विजयदशमी के दिन से ही संघ ने ‘अभी नहीं तो कभी नहीं’ के तर्ज पर काम करना शुरू कर दिया है। 1 दिसंबर से 7 फरवरी 2019 (इसी दिन प्रयागराज में धर्म संसद होनी है) के बीच लगातार कई आंदोलन, बैठकें, और जुलूस निकाले जाएंगे।
1 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में विहिप के कार्यकर्ता पीएम मोदी और उस क्षेत्र के सांसद को संबोधित एक ज्ञापन डीएम को सौंपेंगे। ज्ञापन में अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए लोकसभा में प्रस्ताव पारित कराने की मांग की जाएगी। इस आंदोलन की पहली तैयारी बैठक 30 सितंबर को कानपुर में होगी। इसमें विहिप के कानपुर प्रांत के सभी पदाधिकारी और प्रमुख कार्यकर्ता शामिल होंगे।
विहिप के प्रांतीय मंत्री दीन दयाल गौड़ ने बताया कि अक्तूबर के बाद से ही पूरे प्रदेश का माहौल राम मंदिर निर्माण मय बनाने की योजना चल रही है। प्रयागराज कुंभ में होने वाली धर्म संसद में मंदिर निर्माण की तारीख भी घोषित होने की बात कही जा रही है।
महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा
कानपुर प्रांत के तहत सूबे के 21 जिले आते हैं। इस आंदोलन से महिलाओं को भी जोड़ा जाएगा। इसके लिए 28 और 29 जनवरी को प्रयागराज में संघ की साध्वी परिषद की बैठक होगी।