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राष्ट्रपति चुनाव पर बोलीं मीरा कुमार- जाति को जमीन में दफना देना चाहिए

विपक्ष की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार मीरा कुमार ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि किसी भी चुनाव में विचारधारा का बहुत बड़ा योगदान होता है। राष्ट्रपति जैसे बड़े चुनाव के लिए ये और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि ये चुनाव जाति के नाम पर नहीं बल्कि विचारधारा के नाम पर लड़ा जा रहा है। कोई नहीं चाहता की जाति के लिए चुनाव लड़ा जाए।

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राष्ट्रपति चुनाव पर बोलीं मीरा कुमार- जाति को जमीन में दफना देना चाहिएमीरा कुमार ने जोर देकर कहा कि मैने इस वजह से चुनाव का हिस्सा बनने का फैसला किया क्योंकि समाज में भेदभाव, जातिवाद के खिलाफ जो विचारधारा है वो मेरे दिल के बेहद करीब है। समाज की असलियत सामने आ रही है। हम ये आंकलन करने में आसानी महसूस कर रहे हैं, कि समाज कैसे सोचता है। इससे पहले जो चुनाव हुए उसमें कई बार उच्च जाति के प्रत्याशी थे, उनकी जाति की चर्चा कभी नहीं हुई। उनके गुणों की चर्चा होती थी। मुझे याद नहीं कि कभी उनकी जाति की चर्चा हुई हो। जाति को गठरी में बांधकर जमीन में गाड़ देना चाहिए।

मीरा कुमार ने कहा कि 17 दलों ने मुझे प्रत्याशी बनाया मैं कृतज्ञ हूं कि उन्होंने मुझमें विश्वास जताया। मैने निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों को पत्र लिखा है कि वो मुझे समर्थन दें। 

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साबरमती से मुझे शक्ति मिलती है
मीरा कुमार ने बताया कि वो साबरमती से चुनाव प्रचार इस वजह से शुरू कर रही हैं क्योंकि साबरमती से उन्हें शक्ति मिलती है। यहां से ही गांधी जी ने अहिंसा से बड़े साम्राज्य को सत्ता से उखाड़ फेंका था।हमारे संविधान की आत्मा यही है कि हमारे समाज का सबसे दबा हुआ तबका है उसको कैसे ऊपर उठाएं। दलित शब्द का चुनाव में इस्तेमाल नहीं होना चाहिए। 

महिलाओं के संसद में 33 प्रतिशत आरक्षण के मुद्दे पर पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि महिलाओं की शिक्षा उनकी बेहतरी के लिए काम करना हमारा मकसद है और हम हमेशा से इस पर काम करते रहे हैं। मीरा कुमार ने हारे हुए चुनाव को लड़ने के सवाल पर कहा कि आप रिजल्ट आने दीजिए, अभी से क्यों फैसला कर रहे हैं।

 

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