राष्ट्रीय खेल दिवस पर गोण्डा ने रचा इतिहास
जिले की 1054 ग्राम पंचातयतों केएक लाख से अधिक ग्रामीण होनहारों ने खेलकूद में लिया हिस्सा
ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए डीएम आशुतोष निरंजन की अनूठी पहल
गोण्डा: मैं अकेला ही चला था जानिबे मंजिल मगर, लोग मिलते गए और कारवां बनता गया। अद्भुत अकल्पनीय अविस्मरणीय। जी हाँ हॉकी का जादूगर कहे जाने वाले स्वर्गीय मेजर ध्यानचंद की जयन्ती पर जहाँ पूरा देश राष्ट्रीय खेल दिवस मना रहा था वहीं गोंडा में जिले के डीएम आशुतोष निरंजन ने गांव की प्रतिभाओं को एक ही दिन में एक बैनर तले लाकर इतिहास रच दिया। राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर जिले भर की 1054 ग्राम पंचायतों में खेल मैदान बनाकर ग्रामीण प्रतिभाओं को तराशने के लिए डीएम श्री निरंजन द्वारा अनूठे अभियान की शुरूआत की गई। गोंडा महोत्सव समिति के बैनर तले जिला प्रशासन ने ‘‘प्रगति’’ खेल कार्यक्रम के माध्यम से गावँ के एक लाख से अधिक खेल हुनर को एक साथ जमीन पर उतार दिया। बहुुत कम समय में निर्णय लेकर और तैयारी के बाद जब गावँ के सीमित संसाधनों के बीच खेल मेधाओं नें दौड़ लगाई तो हॉकी की महान हस्ती को सच्ची श्रद्धांजलि मिल गई। पूरा जनपद एक बारगी खेल गांव की तरह नजर आया और प्रशासनिक अमले के अलावा समस्त जनप्रतिनिधियों और जनसहयोग से ‘‘प्रगति’’ को चार चाँद लग गया। उठो, खेलो और जीतो के नारे से शुरू हुये इस खेल अभियान का समापन आगामी 20 सितम्बर को खेल प्रतिभाओं को सम्मानित करने के साथ किया जाएगा। ऐसे समय में जब सवा सौ करोड़ से अधिक की आबादी वाले हिन्दुस्तान में ओलम्पिक में कभी एक तो कभी दो पदको से संतोषजनक करना पड़ रहा हो तब एक पिछड़े जनपद की एक लाख से अधिक ग्रामीण प्रतिभाओं को खेलों में बेहतर अवसर देने का अनोखा प्रयास डीएम आशुतोष निरंजन द्वारा किया गया है। गोंडा में एक बैठक में के दौरान ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को तराशने की चर्चा ने अभियान का रूप ले लिया। जिला प्रशासन द्वारा वेबसाइट बनाकर ग्रामीण स्तर पर पंजीकरण कराने का सिलसिला एक लाख से पार हो गया और आज राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर गांव के खेल मैदानों में एक लाख से अधिक प्रतिभाओं ने उतरकर खेल के प्रति जागरूक होने का परिचय दे दिया और अपने आप में एक इतिहास बनाने का गौरव हासिल कर लिया। डीएम ने खेल अभियान को सफल बनाने के लिए जिले को 16 सुपरजोन, 46 जोन और 166 सेक्टर में बाँटकर एक साथ 1054 खेल मैदानों पर खेल का कार्यक्रम कराकर इतिहास रच दिया। 8 से 14 वर्ष और 15 से 25 साल की उम्र के महिला और पुरुष खिलाड़ियों को प्रतिभाग कराकर उनको मौका दिया गया और जिले के सभी विभागों को इसका जिम्मा देकर सबकी सहभागिता कराकर खेल को बेहतर पायदान पर पहुंचाने का सफल प्रयास किया गया। वहीं गाँव की खेल प्रतिभाओं नें प्रशासन की इस पहल को जमकर सराहा और कहा की उन्हें अगर अवसर मिले और सरकारी मदद मिले तो वो भी देश के लिए मेडल ला सकते हैं। कार्यक्रम की गहरी मानीटरिंग के लिए सोसल मीडिया का भी जबरदस्त इस्तेमाल किया गया। ब्लाक स्तर पर व्हाट्सएप ग्रुप बनाकर प्रगति कार्यक्रमों की फोटो पूरी दिन मिलती रहीं। पूरे कार्यक्रम की मानीटरिंग डीएम द्वारा नियुक्त सुपर जोनल, जोनल, सेक्टर प्रभारियों व आब्जर्वरों की टीम द्वारा भ्रमणशील रहकर की गई। जिला प्रशासन द्वारा पूरे कार्यक्रम को सोसल मीडिया से जोड़ने के लिए ‘‘प्रगति’’ की वेबसाइट www.pragatigonda.com व फेसबुकपेज pragatigonda के नाम से बनाया बनाया गया जिस पर पूरे कार्यक्रम की डिटेल व फोटोग्राफ्स उपलब्ध हैं। कार्यक्रम का शुभारम्भ डीएम ने नगर के खैरा प्राथमिक विद्यालय, गोण्डा गिर्द के जिगर इण्टर कालेज मैदान में, ग्राम पंचायत बूढ़ादेवर तथा विकासखण्ड तरबगंज की ग्राम पंचायत खानपुर में नारियल फोड़कर व फीता काटकर किया। शुभारम्भ के उपरान्त डीएम श्री निरजंन ने सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत में प्रतिभाओं की कमी नहीं हैं। संसाधनों की कमी, समुचित ज्ञान और प्रोत्साहन न मिलने के कारण देश के होनहार पीछे रह जाते हैं और रियो ओलम्पिक जैसे गेम्स में भारत जैसे विशाल देश को सिर्फ दो पदकों से संतोष करना पड़ता है। उन्होने कहा कि इस कार्यक्रम के जरिये अगर गावँ में छिपी प्रतिभा निकलकर देश के लिये मेडल लेकर आती है तो वही सच्चे मायने में खेल दिवस होगा और वहीं हॉकी के महान ‘‘जादूगर’’ को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।