
अरविंद सक्सेना को संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। बता दें कि सक्सेना वर्ष 2015 में यूपीएससी से सदस्य के तौर पर जुड़े थे और तब वे 32 साल में इस प्रतिष्ठित संस्था में पहुंचने वाले रॉ के पहले अधिकारी बने थे। इससे पहले जून महीने में केंद्र सरकार ने अरविंद सक्सेना को आयोग का कार्यवाहक चेयरमैन नियुक्त किया था।

डीटीयू व आईआईटी दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र रहे हैं अरविंद
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले सक्सेना भारतीय डाक सेवा में 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं। वे यूपीएससी में वर्तमान चेयरमैन विनय मित्तल से कार्यभार लेंगे, जो 19 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डाक सेवा में रहने के दौरान वे अलीगढ़ में स्टाम्प व सील फैक्ट्री के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रहे और सहारनपुर में प्रतिष्ठित माने जाने वाले पीएंडटी ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त रहे।

डीटीयू व आईआईटी दिल्ली के इंजीनियरिंग छात्र रहे हैं अरविंद
दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (वर्तमान में दिल्ली तकनीकी विश्वविद्यालय) से सिविल इंजीनियरिंग में बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक करने वाले सक्सेना भारतीय डाक सेवा में 1978 बैच के अधिकारी रहे हैं। वे यूपीएससी में वर्तमान चेयरमैन विनय मित्तल से कार्यभार लेंगे, जो 19 जून को सेवानिवृत्त हो रहे हैं। डाक सेवा में रहने के दौरान वे अलीगढ़ में स्टाम्प व सील फैक्ट्री के आधुनिकीकरण के लिए विशेष कार्याधिकारी (ओएसडी) रहे और सहारनपुर में प्रतिष्ठित माने जाने वाले पीएंडटी ट्रेनिंग सेंटर के प्रिंसिपल के तौर पर भी नियुक्त रहे।
2015 में यूपीएससी सदस्य बनने वाले 32 साल में पहले रॉ अफसर बने थे
वर्ष 1988 में भारतीय डाक सेवा से रॉ में प्रतिनियुक्ति पर आने वाले सक्सेना को पड़ोसी देशों में रणनीतिक विकास के अध्ययन का विशेषज्ञ माना जाता है। इस दौरान वे जम्मू-कश्मीर में तैनात रहे और चीन, पाकिस्तान सहित 5 देशों में रॉ को अपनी सेवाएं दीं। वर्ष 2014 में अरविंद को एविएशन रिसर्च सेंटर (एआरसी) में विशेष सचिव के तौर पर नियुक्त किया गया, जो वायुसेना की विशेष फ्रंटियर फोर्स के कमांडो को ट्रांसपोर्ट उपलब्ध कराती है और देश के सीमावर्ती इलाकों में मानवरहित विमानों के जरिए निगरानी का काम करती है। वर्ष 2015 में उन्हें यूपीएससी में सदस्य के तौर पर शामिल किया गया और तब से वे यहीं पर तैनात थे।