अद्धयात्म

लाभ उठाने के लिए इस तरह करें गायत्री मंत्र का जाप, ये है सही समय और नियम

गायत्री मंत्र के बारे में आपने ज़रूर सुना होगा कि इसका महत्व कितना होता है। यह एक् ऐसा मंत्र है, जिसका प्रयोग हर क्षेत्र में सफलता के लिए सिद्ध माना गया है। कोई भी विद्यार्थी अगर इस मंत्र का नियम अनुसार 108 बार जाप करता है, तो उन्हें सभी प्रकार की विद्या प्राप्त करने में आसानी अवश्य होती है। यही नहीं, मान्यता यह है कि सच्चे मन और विधि पूर्वक गाय़त्री मंत्र का प्रयोग आपके लिए कल्याणकारी भी साबित हो सकता है।

वहीं, गायत्री मंत्र जाप करने के कुछ नियम भी हैं, जिनका ध्यान रखना बहुत आवश्यक है। ध्यान रहें कि गायत्री मंत्र का प्रभाव कुछ ऐसा है कि इसके जाप से तमाम कष्ट प्रभावहीन हो जाते हैं। गायत्री की ध्वनि से असीम शांति की अनुभूति तो होती ही है व साथ ही गायत्री मंत्र के उपाय जीवन को हर ओर से खुशहाल भी बना देते हैं। याद रखें कि गायत्री मंत्र का जाप मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए भी कारगर साबित हो चुका है। नौकरी या फिर आपको बिजनेस में कोई परेशानी हो रही हो तो ऐसे में गायत्री मंत्र का जाप लाभदायक साबित होता है।

गायत्री मंत्र –

ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।

वेद संसार आज आपको बताने जा रहा है कि गायत्री मंत्र का जाप कब और कैसे करें
गायत्री मंत्र का जाप तीन समय में किया जाए तो वह ज्यादा असरदार माना जाता है

• पहला समय – गायत्री मंत्र का जाप सूर्योदय से थोड़ी देर पहले आप शुरू करेंगे और सूर्योदय के थोड़ी देर बाद तक करें तो आपको शुभ फल की प्राप्ति अवश्य होगी।

• दूसरा समय – आप चाहे तो दोपहर में खाली समय भी गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।

• तीसरा समय – कोशिश यही करें कि गायत्री मंत्र का जाप सूर्यास्त से पहले शुरू करें।

गायत्री मंत्र का जाप कैसे करें, यहां जानें नियम
• गायत्री मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला के साथ ही करें।

• याद रखें कि मौन रहकर भी आप गायत्री मंत्र का जाप किसी भी समय कर सकते हैं।

• भूलकर भी गायत्री मंत्र का जाप ऊंची आवाज में कभी ना करें।

• गायत्री मंत्र का जाप अगर आप करने की सोच रहे हैं, तो किसी गुरु के मार्गदर्शन में ही करना ज्यादा शुभ होगा।

• गायत्री मंत्र के लिए स्नान के साथ मन और आचरण भी पवित्र होना बहुत आवश्यक होगा।

• गायत्री मंत्र के उच्चारण के समय साफ और सूती वस्त्र ही पहनें।

• कुश या चटाई का आसन पर बैठकर ही गायत्री मंत्र का जाप करें।

• जब आप गायत्री मंत्र का जाप करें तब तुलसी या चन्दन की माला का प्रयोग अवश्य करें।

• ब्रह्म मुहूर्त में यानी कि सुबह पूर्व दिशा की ओर मुख करके गायत्री मंत्र का जाप करें और शाम को पश्चिम दिशा में अपना मुंह कर के जाप करें, फायदा पहुंचेगा।

• जान लें कि इस मंत्र का मानसिक जाप किसी भी समय किया जा सकता है।

• यही नहीं, गायत्री मंत्र का जाप करने वाले व्यक्ति का खान-पान शुद्ध और पवित्र होना चाहिए। वहीं, जिन लोगों का सात्विक खान-पान नहीं है, वह भी गायत्री मंत्र का जाप कर सकते हैं।

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