रांची (एजेंसी)। झारखंड उच्च न्यायालय ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव की जमानत याचिका गुरुवार को खारिज कर दी। न्यायालय ने कहा कि उन्हें जमानत याचिका में कोई आधार नजर नहीं आया। न्यायालय के फैसले के बाद राजद के कुछ कार्यकर्ताओं ने नाखुशी जाहिर करते हुए नारेबाजी की। उन्हें इसके बाद न्यायालय परिसर के बाहर कर दिया गया। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने बुधवार को इस मामले में बहस पूरी कर ली थी और झारखंड उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति आर.आर.प्रसाद की पीठ ने फैसला सुरक्षित रखा था। लालू यादव ने बुधवार को बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में एक महीना पूरा कर लिया है। उन्हें चारा घोटाला मामले में 3० सितंबर को दोषी साबित किया गया था।लालू ने चारा घोटाले में दोषी ठहराए जाने और सजा सुनाए जाने के खिलाफ 17 अक्टूबर को झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। लालू प्रसाद और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जगन्नाथ मिश्र जनता दल (युनाइटेड) के लोकसभा सांसद जगदीश शर्मा और कुछ अन्य व्यक्तियों को चारा घोटाला मामले (आरसी 2० ए/96) में 3० सितंबर को दोषी ठहराया गया था। यह मामला लालू के मुख्यमंत्रित्व काल में 1994-95 के दौरान चाइबासा कोषागार से फर्जी तरीके से 37.7० करोड़ रुपये निकालने से संबंधित है। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश प्रवास कुमार सिंह ने तीन अक्टूबर को लालू प्रसाद को पांच साल कारावास और 25 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। जगन्नाथ मिश्र को 25 अक्टूबर को स्वास्थ्य कारणों से दो महीने के लिए अस्थाई जमानत दे दी गई थी।