दिल्लीराज्य

लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में खुला ह्यूमन मिल्क बैंक

नई दिल्ली: किन्ही कारणों से मां के दूध से वंचित रहने वाले नवजात शिशुओं के लिए इसकी उपलब्धता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से स्वास्थ्य मंत्रालय की पहल पर दिल्ली के लेडी हार्डिंग कॉलेज में ‘वात्सल्य मातृ अमृत कोष’ के नाम से ‘ह्यूमन मिल्क बैंक’ खोला गया है। 
लेडी हार्डिंग मेडिकल कॉलेज में खुला ह्यूमन मिल्क बैंकस्वास्थ्य सचिव सीके मिश्रा ने भारत में नार्वे के राजदूत निल्स कामस्वाग के साथ बुधवार को इसका उद्घाटन किया। इस मौके पर मिल्क बैंक के लिए एक नियमावली भी जारी की गई। कामस्वाग ने सरकार की इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह अपने आप में अनूठी है। इससे कई बच्चों काे जीवनदान मिल सकेगा।
 
जन्म के बाद छह महीनों तक बच्चों के लिए मां का दूध सबसे सुरक्षित आहार माना जाता है लेकिन कई बार बच्चों के जन्म के बाद महिलाओं में दूध नहीं बनता, कम बनता है या दवा या दूसरी बीमारी की वजह से बच्चे के लिए सुरक्षित नहीं होता है। ऐसे बच्चों को अब मां के दूध से वंचित नहीं रहना पड़ेगा उन्हें ह्यूमन मिल्क बैंक से इसकी आपूर्ति की जा सकेगी। देश के कुछ शहरों में इस तरह के बैंक पहले से ही काम कर रहे हैं।
 
13.5 करोड़ बच्चों में से 60 फीसद को नहीं मिलता दूध
 ब्रेस्टफीडिंग प्रमोशन नेटवर्क ऑफ इंडिया के आंकड़ों के अनुसार हर साल दुनियाभर में जन्म लेने वाले 13.5 करोड़ बच्चों में से 60 प्रतिशत को मां का दूध नसीब नहीं होता है। वे गाय, बकरी या डिब्बे वाले दूध से ही इसकी कमी को पूरा करते हैं।
 
महिलाएं स्वेच्छा से कर सकती हैं अपना दूध दान
 इस बैंक में महिलाएं स्वेच्छा से अपना दूध दान कर सकती हैं। इसके लिए एक नियमित प्रक्रिया है। दूध दान करने वाली महिला की स्वास्थ्य जांच की जाती है। पूरी तरह सुनिश्चित होने के बाद ही उसका दूध बैंक के लिए लिया जाता है। बैंक में रखे एेसे दूध को 62.5 डिग्री सेंटीग्रेड तापमान पर 30 मिनट तक पॉश्च्युराइज करने के बाद चार डिग्री सेल्सियस तापमान पर ठंडा किया जाता है। हर डिब्बे से एक मिलीलीटर दूध का नमूना माइक्रोलैब में टेस्टिंग के लिए भेजा जाता है। रिपोर्ट निगेटिव आने पर इसे शून्य से 20 डिग्री कम तापमान पर रखा जाता है, जो तीन महीने तक सुरक्षित होता है।

Related Articles

Back to top button