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लोकपाल बिल पर राहुल ने मांगा सभी से समर्थन

lokनई दिल्ली  (एजेंसी)। लोकपाल को भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में गंभीर हथियार बताते हुए कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को सभी राजनीतिक दलों से समर्थन मांगा। राहुल की यह अपील विधेयक पर राज्यसभा में सोमवार को होने जा रही चर्चा के पूर्व आई है।  संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार को बाहर से समर्थन दे रही समाजवादी पार्टी (सपा) ने विरोधी संकेत दिया तो मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा ने कहा कि वह बिना चर्चा के ही विधेयक को पारित करने के लिए तैयार है।  उधर जन लोकपाल की मांग को लेकर अपने गांव रालेगण सिद्धि में 1० दिसंबर से उपवास कर रहे अन्ना हजारे ने सरकार को राहत देते हुए कहा कि कानून बनने के बाद वे अपना आंदोलन खत्म कर देंगे। अन्ना के आंदोलन से उभरी आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल ने अन्ना के नए रुख पर आश्चर्य व्यक्त किया और कहा कि उन्हें भरमाया जा रहा है। 24 अकबर रोड स्थित कांग्रेस मुख्यालय में वित्त मंत्री पी. चिदंबरम और कानून मंत्री कपिल सिब्बल और प्रधानमंत्री कार्यालय के प्रभारी राज्य मंत्री वी. नारायणसामी के साथ संवाददाताओं से मुखातिब राहुल ने कहा कि यह ‘राष्ट्रीय महत्व’ का मामला है और यह ‘भ्रष्टाचार के मुद्दे को पूरी तरह बदल कर रख देगा।’ राहुल ने कहा  ‘‘हमारा काम भ्रष्टाचार से लड़ने वाला बुनियादी ढांचा तैयार करने का है और वह हमने किया है…अन्ना उपवास कर रहे हैं  यही उनका दृष्टिकोण है। हमारा काम एक शक्तिशाली लोकपाल विधेयक देना है और इसके लिए हमें राजनीतिक दलों से एक प्रतिशत आगे आने की दरकार है। और मुझे पूरा विश्वास है कि यदि हम मिलकर काम करें तो हम इसे कर सकते हैं।’’ उन्होंने कहा  ‘‘विधेयक पर हमारी व्यापक सहमति है। कांग्रेस पार्टी इस विधेयक का पूरा समर्थन करती है और हम चाहते हैं कि विपक्षी पार्टी और अन्य दल हमारे साथ मिलकर इसे संसद में पारित कराने में हमारी मदद करें।’’ राहुल के संवाददाता सम्मेलन के तुरंत बाद ही मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा नेता और राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि ‘विभिन्न उपायों के जरिए कांग्रेस नीत केंद्र सरकार विधेयक की राह में रोड़ा अटकाती रही है। उन्होंने कहा कि लोकपाल विधेयक पिछले 46 वर्षों से लंबित है। उन्हीं की पार्टी की नेता और लोकसभा में विरोधी दल की नेता सुषमा स्वराज ने कहा कि हम सरकार को गिला शिकवा का मौका नहीं देना चाहते। उन्होंने ट्विट किया है  ‘‘सोमवार को राज्यसभा में पारित होने के बाद हम मंगलवार को लोकसभा में उसे पारित कर देंगे।’’उधर सरकार को बाहर से समर्थन दे रही सपा के सांसद नरेश अग्रवाल ने कहा कि उनकी पार्टी लोकपाल विधेयक का विरोध करेगी। लोकपाल विधेयक को लोकसभा में दिसंबर 2०11 में पारित किया जा चुका है और सोमवार को राज्यसभा में इसपर चर्चा होगी। यदि सत्र विस्तार नहीं किया जाए तो संसद का शीतकालीन सत्र 2० दिसंबर को समाप्त होना है अगले वर्ष के शुरू में ओने वाले आम चुनावों से पूर्व का यह संभवत: अंतिम सत्र भी हो सकता है। अगले वर्ष फरवरी में अल्पकालिक सत्र बुलाया जाएगा जिसका उद्देश्य लेखानुदान मांग पारित कराना होगा ताकि नई सरकार का गठन होने तक संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार की व्यय जरूरतें पूरी हो सके। राहुल ने कहा  ‘‘मेरी नजर में अत्यंत महत्वपूर्ण इस विधेयक को यदि सभी पार्टियों का समर्थन मिले तो हम उसे पारित कराने में कामयाब होंगे।’’ उन्होंने कहा कि ‘राष्ट्रीय महत्व’ के विधेयक को पारित कराने में ‘सभी पार्टियों को अपनी चिंताओं को किनारे रख कर हमें समर्थन देना चाहिए।’
उन्होंने कहा  ‘‘हमें अन्य पार्टियों के समर्थन की जरूरत है। अन्य पार्टियां भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) एवं अन्य… सभी पार्टियां एकसाथ मिलकर यह काम करें। कांग्रेस पार्टी पूरी तरह इसका समर्थन करेगी। मैं अन्य पार्टियों से इसे समर्थन देने की अपील करता हूं क्योंकि यह राष्ट्रीय महत्व का मामला है।’’ उन्होंने आगे कहा  ‘‘ऐसा नहीं है कि हम विधेयक को पारित नहीं कराना चाहते हैं। हम काम कर रहे हैं। यह भ्रष्टाचार से निपटने में काम करेगा और आरटीआई की ही तरह यह भी भ्रष्टाचार से लड़ाई में एक हथियार होगा।’’

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