व्यापार

‘वर्ष 2021-22 तक 5.6% तक पहुंच सकती है बिजली की कमी’

114080-elecएजेंसी/नयी दिल्ली: आपूर्ति के मुकाबले मांग बढ़ने से देश में बिजली की कमी 2021-22 तक बढ़कर 5.6% हो सकती है जो पिछले वित्त वर्ष में अधिकतम मांग के समय 2.6% थी। एक अध्ययन में यह कहा गया है।

उद्योग मंडल एसोचैम तथा परामर्श कंपनी पीडब्ल्यूसी के संयुक्त अध्ययन के अनुसार, ‘भारत की वृद्धि की कहानी को आगे बढ़ाने के लिये विश्वसनीय, सस्ती और भरोसेमंद बिजली की उपलब्धता आवश्यक है और बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने तथा उर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये उर्जा के सभी संभावित स्रोतों का दोहन करने की जरूरत होगी।’ ‘हाइड्रोपावर एट क्रासरोड’ शीर्षक से जारी अध्ययन में कहा गया है कि भारत को करीब 8 से 9% सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि बनाये रखने के लिये बिजली के क्षेत्र में सात प्रतिशत सालाना वृद्धि की जरूरत हो सकती है।

इसमें कहा गया है कि प्रति व्यक्ति खपत 1,800 किलोवाट प्रतिघंटा के लक्ष्य को प्राप्त करने तथा 2034 तक 30 करोड़ लोगों के लिये बिजली पहुंच हेतु भारत को 450 गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) अतिरिक्त बिजली आपूर्ति की जरूरत होगी। भारत की उर्जा जरूरतों को पूरा करने में पनबिजली क्षेत्र उल्लेखनीय रूप से योगदान कर सकता है। रिपोर्ट में देश में कुल स्थापित क्षमता में कोयला आधारित बिजली उत्पादन का योगदान करीब 70 प्रतिशत होने का जिक्र करते हुए आगाह किया गया है कि तापीय स्रोतों पर इतनी निर्भरता ईंधन उपलब्धता समेत अन्य कारणों के संदर्भ में उर्जा सुरक्षा के लिहाज से गंभीर खतरा है।

Related Articles

Back to top button