नई दिल्ली. दुनिया भर में अभी भी कोरोना वायरस (Coronavirus) का असर है. जहां स्थिति थोड़ी सामान्य हो रही है वहां फिर कोई नया वैरिएंट (Covid19) Variant) आकर तबाही मचा जा रहा है. इन सबके बीच एक नए शोध में सामने आया है, जिसमें कहा गया है कि प्रदूषण के चलते कोविड के मामले और ज्यादा गंभीर हो रहे हैं. अमेरिका के सबसे प्रदूषित शहरों में से एक यह स्टडी हुई.
स्टडी में दावा किया गया कि अमेरिका के मिशिगन स्थितत डेट्रॉइट में कोविड-19 के चलते अस्पताल में भर्ती 2,038 वयस्कों पर अध्ययन के बाद रिसर्चर्स ने पाया कि जिन लोगों को सांस लेने में मदद करने के लिए ICU की जरूरत पड़ी थी, वे संभवतः वायु प्रदूषण से प्रभावित इलाकों में रहने वाले थे. स्थानीय वायु प्रदूषण जितना खराब होगा, ICU और मशीनी वेंटिलेशन की जरूरत उतनी ही अधिक होगी. डेट्रॉइट के हेनरी फोर्ड अस्पताल की डॉ. अनीता शल्लाल ने कहा कि वायु प्रदूषण के लंबे समय तक संपर्क में रहने से इम्यूनिटी सिस्टम खराब हो सकता है और वायरल संक्रमण की दशा में स्थिति गंभीर हो सकती है. वायु प्रदूषण में सूक्ष्म कण भी वायरस के प्रसार में मदद कर सकते हैं.
यूरोपीय कांग्रेस ऑफ क्लिनिकल माइक्रोबायोलॉजी एंड इंफेक्शियस डिजीज के एक बयान में शलाल ने कहा, ‘यह स्टडी सिस्टमेटिक इनइक्वालिटी पर बात करती है. नस्लीय, जातीय औऱ रंग के आधार पर कोविड के परिणाम में अन्तर हो सकता है. किसी खास रंग के समुदाय द्वारा औद्योगिक प्रदूषण वाले क्षेत्रों में काम करने के आसार ज्यादा है. इस दौरान अगर वह कोविड के संपर्क में आए तो स्थिति गंभीर हो सकती है.