वाराणसी में टूटा आठ साल का रिकाॅर्ड, कई गांवों में गंगा ने मचाई तबाही
वाराणसी: पूर्वांचल के दस जिलों के सैकड़ों गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। घर में पानी घुसने से सुरक्षित स्थान के लिए लोगों को पलायन जारी है तो वहीं सैकड़ों बीघे फसल को भी नुकसान हुआ है। वहीं वाराणसी में काशी में आठ साल बाद गंगा ने बुधवार सुबह आठ बजे 72 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया। चंदौली के अलीगनर थाना क्षेत्र के कैली गांव गंगा में गाजीपुर का युवक गंगा के तेज बहाव में बह गया। वाराणसी के बाढ़ पीड़ित स्कूलों में बलिया में सड़क किनारे प्रभावितों ने शरण लिया है।
काशी में आठ साल बाद गंगा ने बुधवार सुबह आठ बजे 72 मीटर का आंकड़ा पार कर लिया। साल 2013 के 11 अगस्त को जलस्तर 72 मीटर से अधिक था। वहीं जलस्तर में बढ़ाव की गति एक सेंमी प्रति घंटा हो गई है। बुधवार सुबह आठ से शाम छह बजे के बीच दस सेमी वृद्धि दर्ज की गई। जलस्तर 72.02 मीटर से 72.12 मीटर पहुंचा। वहीं बाढ़ का पानी विभिन्न रास्तों से शहर में तेजी से फैलने लगा है। जिले के टिकरी गांव के पूरब दक्षिण तरफ बना अस्थाई बंधा पानी का दबाव बढ़ते बह गया।
राहत और बचाव की टीम लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने में जुटी हुई है। केंद्रीय जल आयोग के अनुसार काशी में गंगा में लगातार बढ़ाव का मूल कारण यमुना और उसकी सहायक नदियों चंबल, बेतवा और केन में आया उफान है। यमुना का जल प्रयागराज से गंगा के रास्ते काशी पहुंच रहा है। आगरा के पास चिल्हा और हमीरपुर में जमुना के जलस्तर में तेजी से घटाव होने से अनुमान है कि बनारस में भी 14 अगस्त से पानी घटने लगेगा।