उत्तर प्रदेशराज्य

वाराणसी में धोती-कुर्ता में क्रिकेट और संस्कृत में कमेंट्री

मैदान में सजी फील्डिंग और पिच पर जमे बैट्समैन भी परंपरागत क्रिकेट से इतर थे। धोती, कुर्ता और कमर में दुपट्टा, कई खिलाडिय़ों के माथे पर तिलक।

वाराणसी। देश की सांस्कृतिक तथा साहित्यिक राजधानी के रूप में विख्यात वाराणसी में क्रिकेट के साथ भी अनूठा प्रयोग किया गया। यहां संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में कल क्रिकेट के माध्यम से उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सौ फीसदी मतदान का आह्वान किया गया।इदानीं यष्टिक्रीड़ा आरक्यते (अब क्रिकेट शुरू होता है), कंदुकं सीमापारं गतम् (गेंद बाउंड्री के बाहर गई), ‘चतुष्कम् (चौका), षट्कम् (छक्का), धावनांका: (रन) बहिर्गमनम् (आउट), …इस तरह की संस्कृतमय कमेंट्री कल संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के मैदान पर गूंजती रही।

मैदान में सजी फील्डिंग और पिच पर जमे बैट्समैन भी परंपरागत क्रिकेट से इतर थे। धोती, कुर्ता और कमर में दुपट्टा, कई खिलाडिय़ों के माथे पर तिलक। आपस में संवाद भी पूरी तरह संस्कृत में। संस्कृत में कमेंट्री सुनकर देखते ही देखते दर्शक दीर्घा में भीड़ जुटने लगी। कई खिलाडिय़ों ने दौडऩे में बाधा न हो इसलिए धोती को खुंटिया लिया, किसी ने दोहरकर घुटने तक कर लिया। कई खिलाड़ी नंगे पैर ही मैदान में जमे रहे।

वाराणसी में क्रिकेट का बुखार लोगों पर चढ़ा हुआ है। सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय के खेल मैदान पर इन दिनों क्रिकेट का एक अनोखा मैच देखने को मिल रहा है। परंपरागत खिलाडिय़ों की वेशभूषा से अलग यहां पर खिलाड़ी अलग अंदाज में दिख रहे हैं। मौका था शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 73वें स्थापना दिवस पर आयोजित एकदिवसीय क्रिकेट प्रतियोगिता का। अपनी पारम्परिक वेश भूषा में बटुक चौक्के छक्के लगाते नजर आये। धोती, जनेऊ, त्रिपुंड धारण किये छोटे- छोटे बटुकों ने बैटिंग, बॉलिंग और फील्डिंग में अपने हाथ दिखाए। प्रतियोगिता में शास्त्रार्थ महाविद्यालय, काशी विद्या मंदिर, रणवीर संस्कृत महाविद्यालय और इंटरनेशनल चंद्रमौलि संस्थान की टीमों ने भाग लिया। सभी मैचों की कमेंट्री संस्कृत में की जा रही थी।

यह अद्भुत व अनूठी क्रिकेट प्रतियोगिता विश्वविद्यालय से जुड़े संस्कृत महाविद्यालयों की टीम के बीच हुई। शास्त्रार्थ महाविद्यालय के 73वें स्थापना दिवस पर आयोजित यह एक दिवसीय प्रतियोगिता जनपदस्तरीय थी जिसमें खिलाडिय़ों ने चाणक्य व गणवेश में अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। इस दौरान काशी विद्या मंदिर महाविद्यालय के बटुकों ने चंद्रमौली विद्या संस्थान के खिलाडिय़ों को खूब छकाया। टास जीतकर निर्धारित दस ओवर में काशी विद्या मंदिर ने 145 रन बनाकर अपनी प्रतिद्वंद्वी टीम को 94 रनों के अंतर से पराजित कर दिया। वहीं शास्त्रार्थ महाविद्यालय की टीम ने टास जीतकर निर्धारित आठ ओवर में 73 रनों का योगदान दिया जबकि रणवीर संस्कृत विद्यालय की टीम 72 रन ही बना पाई।

काशी विद्या मंदिर की टीम ने शास्त्रार्थ महाविद्यालय की टीम को छह रनों से हराकर ट्राफी पर कब्जा किया। काशी विद्या मंदिर की टीम ने 55 व शास्त्रार्थ महाविद्यालय की टीम ने 49 रन बनाए। मैच के माध्यम से बटुकों ने चुनाव में सौ फीसद मतदान का आह्वान किया। प्रतियोगिता का उद्घाटन प्राचार्य डा. गणेश दत्त शास्त्री व संयोजन पवन कुमार शुक्ल ने किया। कमेंट्री डा. शेष नारायण मिश्र व विनीत तिवारी ने की।

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