सबसे पहले तो इस बात का ध्यान रखें कि जिस जमीन पर आप मकान बना रहे हों वह जमीन कहीं से टेढा मेढ़ा नहीं हो। L, W, Y, T, F की शेप में प्लाट नहीं होना चाहिए। मकान बनवाते समय इस बात पर ध्यान देते रहें कि मकान की दीवार बारबर रहे, कहीं से टेढा मेढ़ा नहीं हो। ऐसा इसलिए करना चाहिए क्योंकि दीवारें बराबर और एक सीध में नहीं होने पर भूकंप में मकान को नुकसान पहुंचाने का खतरा बढ़ जाता है।
मिटटी की जांच अति आवश्यक है. यदि हम एक मज़बूत नीव रखना चाहते हैं जो की हमें किसी प्राकृतिक आपदा से बचा सके तो नीव में मिटटी की जांच बहुत जरूरी है जिसको आज कल काफी नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है। भूकंप से सुरक्षित घर बनाने के लिए जरूरी है कि जिस जमीन पर घर बना रहे हों वहां की जमीन न ज्यादा कड़ी हो न ज्यादा मुलायम। इस बात का ध्यान रखेंगे तो नींव में दरार आने की आशंका कम रहेगी।
भूंकप से घर सुरक्षित रहे इसके लिए सबसे जरूरी यह है कि आपके घर की नीव मजबूत हो। इसके लिए घर की नीव रखते वक्त नीव में यदि आप गाय का गोबर, गंगा जल और फलदाई पौधों के बीज डालेंगे तो इससे नींव अत्यधिक मज़बूत हो जाती है। इसके बाद 9 इंच की एक सतह साफ और शुद्ध बालू की लगाएं। ध्यान रहे की यह बालू रसायन (केमिकल) रहित हो और किसी पवित्र नदी के पास से लायी गयी हो। यह नीव को लचीलापन प्रदान करता हैं जिससे भूकंप से घर सुरक्षित रहता है।
घर कभी भी इनवर्टेड यानि नीचे पतला और ऊपर से चौड़ा नहीं होना चाहिए। क्योंकि नियमानुसार गुरुत्वाकर्षण हमेशा नीचे की ओर होना चाहिए और आधार यानी निचला हिस्सा भारी होना चाहिए।
इस बात का खास ध्यान रखें कि घर में जितने भी खिड़की और दरवाजे हैं उनकी कोनो से दूरी एक बराबर रहे। खिड़की और दरवाजे बराबर नाप के हो।
इस बात का ध्यान रखें कि एक या दो मंजिल इमारतों का पूरा खुला हिस्सा (कुल मिलाकर खिड़की और दरवाज़े) 50 प्रतिशत एरिया से ज्यादा नहीं हो। किसी एक तरफ की दीवार 6 मीटर से ज्यादा नहीं होनी चाहिए।
मज़बूत स्टील की बार नीव से लेकर कमरे की छत तक हर कोने में लगनी चाहिए। ये हर तरफ से घर को मज़बूती प्रदान करता है।
घर में साज सजावट की वस्तुओं को कोशिश कर के नीचे रखें ताकि यदि भूकंप आने पर इनसे किसी प्रकार का कोई आघात नहीं पहुंचे।
रुपा बत्रा/वास्तु विशेषज्ञ