विज्ञान भारती से जुड़कर देश निर्माण में भागीदार बनें विद्यार्थी : मण्डोलिया
आर्यकुल में विश्व फार्मासिस्ट दिवस पर राष्ट्रीय संगोष्ठी
लखनऊ। आर्यकुल कालेज आफ फार्मेसी एवं रिसर्च, लखनऊ में 25 सितम्बर, विश्व फार्मासिस्ट दिवस के अवसर पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन संस्थान परिसर में किया गया, जिसमें संस्थान के शिक्षकों एवं छात्रों के अतिरिक्त देश के विभिन्न संस्थानों के विद्यार्थियों, शोधार्थियो एंव शिक्षकों ने हिस्सा लिया। संगोष्ठी का मुख्य विषय ‘‘इन्स्ट्रूमेन्टल एनालिसिस इन फार्मास्यूटिकल साइन्सेस‘‘ था। जिस पर देश के अग्रणी शोध संस्थान, सी.एस.आई.आर के वैज्ञानिको द्वारा महत्वपूर्ण विषयों पर व्याख्यान दिये गयें। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद के निदेशक डा0 एम.के.जे. सिदद्की एवं मुख्य वक्ताओं में सी.डी.आर.आई. के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 एस.के. शुक्ला, एन.बी.आर.ई. के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा0 शरद श्रीवास्तव, डा0 साइदा खातून, के साथ-साथ संस्थान के वरिष्ठ शिक्षकों, स्तूति वर्मा, बी. के. सिंह एवं शिवभद्रा सिंह ने भी महत्वपूर्ण विषयों में व्याख्यान प्रस्तुत किये।
संगोष्ठी मे आने वाले समस्त विद्वानों, शिक्षकों, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों का स्वागत संस्थान के चेयरमैन के. जी. सिंह एवं प्रबन्ध निदेशक सशक्त सिंह के द्वारा किया गया। श्रेयांश मण्डोलिया, संगठन सचिव, विज्ञान भारती, अवध प्रांत ने विज्ञान भारती ‘विभा‘ के विभिन्न वैज्ञानिक पहलुओं की प्रस्तुति दी तथा विद्यार्थियों से इनसे जुडकर देश निर्माण में भागीदार बनने का आह्वान किया। संस्थान के प्रबन्ध निदेशक सशक्त सिंह ने सभी आगन्तुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया तथा विद्यार्थियों से विज्ञान भारती में उपलब्ध अनुभव व वैज्ञानिक ज्ञान का लाभ उठाने का आहवहन किया। शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों को उनकी उपलब्धि पर पुरस्कार देकर शोध कार्यो को प्रोत्साहित किया गया।
संगोष्ठी के संयोजक आदित्य सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम में संस्थान के समस्त शिक्षकों के साथ-साथ डा0 रविकान्त, डीन प्रो0 आर. के. जौहरी आदि भी मुख्य रूप से उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन एच. आर. प्रमुख नेहा वर्मा द्वारा किया गया। कार्यक्रम के सुचारू कार्यान्वयन में मुख्य रूप से रजिस्ट्रार सुदेश तिवारी, आर्यकुल कालेज आफ मैनेजमेन्ट एवं एजुकेशन की विभागाध्यक्ष अंकिता अग्रवाल, शिक्षक डा0 शंशाक तिवारी, डा. नवनीत बत्रा, डा0 संजय यादव संचालिका मिश्रा, स्वाती सिंह, डा0 रोहित मोहन सिंह, प्रो0 एस.सी. तिवारी, आशुतोष यादव, प्रणव पाण्डे, प्रदीप कुमार तथा धनेश प्रताप सिंह आदि का विशेष योगदान रहा।