विद्यार्थियों को सुख का त्याग करना चाहिए
लखनऊ : सिटी मोन्टेसरी स्कूल, गोमती नगर आॅडिटोरियम में आयोजित ‘विश्व एकता सत्संग’ में मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए सी.एम.एस. संस्थापिका-निदेशिका व बहाई धर्मानुयायी डा. भारती गाँधी ने कहा कि विद्यार्थी जीवन विद्या अर्जित करने के लिए होता है। सुख की इच्छा रखने वाल सफल विद्यार्थी नहीं हो सकते। विद्यार्थियों को कठिन परिश्रम, अनुशासन तथा लगन से पढ़ाई करना आवश्यक होता है और इसके लिए सुखों का त्याग करना आवश्यक है। उनहोंने कहा कि आज के बच्चे आधुनिक एवं प्रगतिशील युग में रह रहे हैं जहाँ वैज्ञानिकता भी है और आध्यात्मिकता भी। हमें चाहिए कि हम बच्चों का सही मार्गदर्शन कर उन्हें आने वाले कल के लिए तैयार करें क्योंकि इसी भावी पीढ़ी पर धरती पर स्वर्ग का अवतरण करने की महती जिम्मेदारी आने वाली है।
विश्व एकता सत्संग में आज सी.एम.एस. गोमती नगर (प्रथम कैम्पस) के बच्चों ने शिक्षात्मक-आध्यात्मिक कार्यक्रम प्रस्तुत कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया। स्कूल प्रार्थना से कार्यक्रम की शुरूआत करके छात्रों ने ‘लेट देयर बी लाईट’ नाटक के माध्यम से भावी पीढ़ी की प्रतिभाओं को उभारने एवं प्रोत्साहित करने पर बल दिया। इसके अलावा, जहाँ एक ओर ‘लेट लाईफ लिव’ के माध्यम से छात्रों ने ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ का संदेश दिया तो वहीं दूसरी ओर छात्रों की माताओं ने ‘जैसा सोचोगे, वैसा ही तुम बन जाओग’ गीत प्रस्तुत किया। छात्रों द्वारा प्रस्तुत ‘थैंक यू सांग’ को भी सभी ने खूब पसन्द किया। इस अवसर पर विभिन्न धर्मावलम्बियों ने भी अपने सारगर्भित विचारों से सत्संग प्रेमियों का मार्गदर्शन किया। सत्संग का समापन संयोजिका वंदना गौड़ के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ।