जौहरी को नवंबर में इस मामले में आरोपमुक्त कर दिया गया लेकिन तीन सदस्यीय जांच समिति की सदस्य वीणा गौड़ा ने उनके आचरण को ‘गैरपेशेवर और अनुचित’ मानते हुए उनके लिए लैंगिक जागरुकता कक्षाओं को जरूरी बताया था। राय ने कहा, ‘जांच समिति की सिफारिश के मुताबिक बीसीसीआई की यौन उत्पीड़न रोकथाम समिति (पीओएसएच) की देखरेख में लैंगिक जागरुकता कार्यक्रम का आयोजन होगा और यह काम बिना किसी देरी के होगा। मैं उम्मीद कर रहा हूं की यह अगले 10 दिनों में शुरू हो जाएगा।’
राय ने यह साफ किया कि जौहरी को ऐसी कक्षाओं में भाग लेने में कोई दिक्कत नहीं है। उन्होंने कहा, ‘सीईओ लैंगिक जागरुकता कार्यक्रम में भाग लेना चाहते है। इसमें कोई परेशानी नहीं है।’ सीओए हार्दिक पांड्या और केएल राहुल द्वारा एक टीवी शो पर की गई महिला विरोधी बयानबाजी के मद्देनजर भारतीय टीम के लिए भी ऐसी कक्षाओं का आयोजन करना चाहते थे लेकिन जोहरी के मामले में अभी तक यह कदम नहीं उठाया गया।
सीईओ की एक अन्य सदस्य डायना एडुल्जी ने भी राय के कदम का स्वागत किया है। इस मामले में देरी की एक वजह लैंगिक जागरुकता कार्यक्रम के तहत कक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी के चयन पर राय और एडुल्जी में सहमति नहीं होना भी है। एडुल्जी यह नहीं चाहती थी कि जिस कंपनी (कैपग्रो) ने बीसीसीआई कर्मचारियों के पीओएसएच को प्रशिक्षण दिया था वह सीईओ की कक्षाएं लें। इसके बाद गौड़ा को ऐसी दो एजेंसियों के नाम का सुझाव देने के लिए कहा गया था।