विपक्षी एकता को लगा ज़ोरदार झटका, लालू की रैली में शामिल नहीं होंगी मायावती, मुलायम का पता नहीं
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वैसे भी शरद यादव ने मुलायम को विपक्षी एकता में बाधक बता कर इसके संकेत दे दिए हैं। ये तीन चेहरे बेशक यूपी की सियासत से हैं, लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी एकता की जो बात हो रही है, उसका ठोस रूप भी इन चेहरों के एक साथ दिखने के बाद ही नजर आएगा। ऐसे में यूपी ही नहीं भारत की सियासत में भी लालू की रैली से कोई बड़ा सियासी बदलाव की उम्मीद कम ही है।
वैसे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद और उनका परिवार 27 अगस्त को विपक्षी एकता को दिखाने की पूरी तैयारी में लगा है। बसपा सुप्रीमो के इस रैली में शामिल नहीं होने की सूचना को वे निराधार बता रहे हैं। उल्लेखनीय है कि लालू सार्वजनिक मंच से मायावती को राज्यसभा भेजने की बात कह चुके हैं, इसके बाद मायावती का राजद की रैली में शामिल न होना बताता है कि राजनीतिक सौदेबाजी में अभी सही मूल्यांकन का सबको इंतजार है।
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वैसे कांग्रेस और वाम दल के अलावा अब तक इस रैली को लेकर अन्य किसी दल ने अपनी स्थिति स्पष्ट नहीं की है, जबकि भाजपा विरोधी 18 दलों को निमंत्रण भेजा गया है। ममता पहले जरूर पटना आने की बात कही थीं, लेकिन उनके ताजा बयान प्रधानमंत्री मोदी के प्रति उनके नरम रुख को दिखा रहा है।
शरद यादव को लेकर भी यह चर्चा राजनीतिक गलियारे में चल रही है कि राजग में उनके बेटे के लिए जगह नहीं बन रही थी, जबकि जदयू से अलग होकर उन्होंने बेटे के लिए बिहार और दामाद के लिए हरियाणा में जमीन पा ली है। जदयू की मानें तो यह भाजपा के खिलाफ नहीं बल्कि परिवारवाद और भ्रष्टाचार के समर्थन में रैली हो रही है। जदयू प्रवक्ता अजय आलोक ने कहा कि रैली में वही शामिल होंगे जो भ्रष्टाचार और परिवारवाद के संरक्षक हैं। इधर, कहा जा रहा है कि राजद सुप्रीमो 27 की रैली को बाढ़ के मद्देनजर कुछ दिनों के लिए टाल सकते हैं।