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शराब पीकर गाड़ी चलाने से गाडिय़ां बन जाती हैं ‘मौत का पिंजरा

carनई दिल्ली: दिल्ली की एक अदालत ने शराब पीकर गाड़ी जलाने के मामले में 22 साल के एक युवक को यह कहते हुए तीन दिन के लिए जेल भेज दिया कि शराब पीकर गाड़ी चलाने से गाडिय़ां ‘मौत का पिंजरा’ बन जाती हैं और ड्राइवर बन जाता है जानलेवा। जिला एवं सत्र न्यायाधीश रेखा रानी ने गौरव सिंह (22) की अपील पर यह आदेश दिया। गौरव सिंह ने मजिस्ट्रेट अदालत के आदेश के खिलाफ अपील की थी। मजिस्ट्रेट ने उसे मोटर वाहन अधिनियम के तहत दोषी ठहराते हुये तथा तीन दिन कैद की सजा 4500 रूपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने कहा, ‘‘शराब पीने से दृष्टि, ध्यान, सजगता, चेतना और समन्वय बिगड़ जाती है और वाहन ‘मौत का पिंजरा’ एवं नशे में ड्राइवर ‘जानलेवा हथियार’ बन जाते हैं। ’’ अदालत ने कहा, ‘‘जैसा कि हमारे संविधान में उद्घोषणा की है कि आजादी और जिम्मेदारी साथ साथ चलती है। जो लोग अपनी जिम्मेदारी का उल्लंघन करते हैं अपनी स्वतंत्रता के अधिकार को गंवा बैठते हैं। नशे में गाड़ी चलाने के प्रति किसी भी नरमी से सड़क दुर्घटनाओं में वृद्धि का जोखिम होगा। सिंह ने सत्र अदालत में दावा किया कि उसने कभी शराब नहीं पी और यातायात पुलिस ने उसे झूठे मामले में फंसा दिया। हालाकि उसने निचली अदालत में अपना अपराध कबूला था। अभियोजन के अनुसार सिंह 15 मई, 2015 को नशे की हालत में दोपहिया वाहन चला रहा था। चेकिंग के दौरान वह पंजीकरण प्रमाणपत्र, वैध ड्राइविंग लाइसेंस और वैध बीमा नहीं दिखा पाया।

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