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शशिकला के कुछ और सांसद टूटे, विधायकों को संभालना हुआ कठिन

तमिलनाडु में राजनितिक परिस्थितियां लगातार बदलती जा रही हैं। सांसदों के बढ़ते समर्थन से पन्नीरसेल्वम खेमा उत्साहित है।

चेन्नई। सत्ताधारी अन्नाद्रमुक में हफ्ते भर से चल रहे सत्ता संघर्ष का फिलवक्त कोई हल निकलता नहीं दिख रहा है। राजभवन की चुप्पी के बीच शशिकला को छोड़कर नेताओं के पन्नीरसेल्वम खेमे में शामिल होने का सिलसिला जारी रहा। रविवार को पांच और सांसद अन्नाद्रमुक महासचिव चिनम्मा यानी शशिकला को छोड़कर कार्यवाहक मुख्यमंत्री के साथ आ गए।

अब तक कुल दस सांसदों का समर्थन मिलने से पन्नीरसेल्वम गुट उत्साहित है। जबकि समर्थकों के लगातार टूटने से शशिकला पर विधायकों को संभाले रखने का दबाव बढ़ गया है। देर शाम उन्होंने महाबलीपुरम के गोल्डन बे रिसॉर्ट में आराम फरमा रहे अन्नाद्रमुक विधायकों को पत्रकारों के समक्ष पेश किया। कहा, ‘सभी आजाद हैं। किसी को कैद नहीं किया गया है। 129 विधायक मेरे साथ हैं। विरोधियों के सभी आरोप झूठे हैं।’

दरअसल सियासी गतिरोध लंबे समय तक कायम रहने से पन्नीरसेल्वम गुट को फायदा पहुंच रहा है। शनिवार को चार सांसदों के शामिल होने से उत्साहित सीएम खेमे में रविवार को भी पांच सांसद आए। इनमें जयसिंह त्यागराज नट्टेरजी, सेंगुट्टुवन, आरपी मरुथुराजा, एस राजेंद्रन (सभी लोकसभा सदस्य) और आर लक्ष्मणन (राज्यसभा सदस्य) शामिल रहे। अब तक कुल दस सांसद पन्नीरसेल्वम खेमे में आ गए हैं। सांसदों में सबसे पहले राज्य सभा सदस्य वी मैत्रेयन ने शशिकला से बगावत की थी।

अन्नाद्रमुक के राज्यसभा में 13 व लोकसभा में 37 सदस्य हैं। वैसे 134 सदस्यीय अन्नाद्रमुक विधायक दल में पन्नीरसेल्वम के साथ मात्र छह विधायक ही बताए जा रहे हैं। हालांकि इस गुट का दावा है कि विधायकों का बहुमत उनके साथ है। इसी डर से शशिकला ने सभी विधायकों को रिसॉर्ट में कैद कर रखा है।

दूसरी ओर विधायक दल का नेता चुने जाने और सरकार बनाने का दावा पेश करने के बावजूद राज्यपाल की ओर से कोई जवाब नहीं मिलने से शशिकला की परेशानियां बढ़ने लगी हैं। सांसदों के लगातार पाला बदलने के चलते विधायकों को अपने पक्ष में बनाए रखना शशिकला के लिए बेहद कठिन होता जा रहा है। यही कारण है कि वह शनिवार के बाद रविवार को भी रिसॉर्ट पहुंची। विधायकों को पत्रकारों के सामने पेश करते हुए कहा, ‘ये 129 विधायक अपनी मर्जी से रिसॉर्ट में रह रहे हैं। विधायकों को कैद करने और बंधक बनाकर रखने की झूठी अफवाह बागी और अन्नाद्रमुक विरोधी फैला रहे हैं।’

रो पड़ीं शशिकला

तमिलनाडु के राज्यपाल विद्यासागर राव की ओर से सरकार बनाने का न्योता नहीं मिलने से निराश शशिकला रविवार को जयललिता को याद करते हुए रो पड़ीं। पत्रकारों के सामने गोल्डन बे रिसॉर्ट में भावुक होते हुए उन्होंने विधायकों से कहा, ‘मैं पार्टी और अम्मा की विरासत को बचाने के लिए अपनी जान भी दे दूंगी। आप सभी 129 विधायक समुद्र की तरह हो। हमारी सरकार को कोई भी अस्थिर नहीं कर सकता। किसी से डरने की जरूरत नहीं।’

उन्होंने विपक्षियों पर विधायकों के परिवार को धमकाने का आरोप लगाया। इससे पूर्व दिन में शशिकला ने कहा था, ‘राजनीति में बने रहना महिलाओं के लिए बहुत कठिन है। यह मैंने जयललिता के समय में भी देखा है। लेकिन अम्मा उस लड़ाई में विजयी रहीं।’ हालांकि उन्हें भरोसा है कि इस लड़ाई में वह अम्मा की तरह ही विजयी होंगी।

कोर्ट जा सकते हैं स्वामी

अन्नाद्रमुक की अंदरुनी लड़ाई में भाजपा सांसद डॉ. सुब्रह्माण्यम स्वामी भी कूद गए हैं। उन्होंने शशिकला के पक्ष में मोर्चा खोला है। ट्वीट कर कहा है, ‘तमिलनाडु के राज्यपाल सोमवार तक सीएम मुद्दे पर फैसला लें अन्यथा संविधान के अनुच्छेद-32 के तहत कोर्ट में याचिका दायर की जाएगी। देरी से खरीद-फरोख्त को बढ़ावा मिल रहा है।

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