देहरादून : जम्मू के पुलवामा में आतंकियों से मुठभेड़ में शहीद देहरादून निवासी मेजर विभूति शंकर ढोंडियाल का अंतिम संस्कार पूरे सैन्य सम्मान के साथ किया गया। उनका पार्थिव शरीर मंगलवार सुबह उनके निवास डंगवाल मार्ग पर अंतिम दर्शन को रखा गया। इस दौरान बारिश के बावजूद शहर के हजारों लोग शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए पहुंचे। लोग इस दौरान अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद की पत्नी निकिता, मां, दादी और बहनों का रो-रो कर बुरा हाल रहा। इस दौरान शहीद की पत्नी ने पार्थिव शरीर को सैल्यूट किया। बोली आई लव यू विभू। सुबह लगभग दस बजे पार्थिव शरीर देहरादून से हरिद्वार के लिए रवाना हुआ।
हजारों की संख्या में उमड़े लोगों ने मेजर विभूति को नमन कर श्रद्धांजलि दी। साथ ही पाकिस्तान मुर्दाबाद के नारे लगाए। मेजर विभूति ढौंडियाल का पर्थिव शरीर सोमवार की देर शाम देहरादून स्थित उनके घर पर पहुंच गया था। सेना के जवानों के कंधे पर तिरंगे से लिपटे ताबूत में घर पहुंचे बेटे को देखकर परिजन बिलख पड़े। वहां मौजूद लोग भी अपने आंसू नहीं रोक पाए। शहीद के अंतिम दर्शनों के लिए लोगों की भारी भीड़ जुट गई। शहीद के अंतिम दर्शन के लिए तमाम लोग अपनी छतों पर और सड़कों पर जमा हो गए। मौसम खराब होने के बावजूद भी लोग शहीद के अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे। 34 वर्षीय मेजर विभूति कुमार ढौंडियाल सेना के 55 आरआर में तैनात थे।
वह तीन बहनों के इकलौते भाई थे। बीते साल अप्रैल में उनकी शादी निकिता से हुई थी। पिताजी स्व. ओमप्रकाश ढोंडियाल का 2012 में निधन हो गया था। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने डंगवाल मार्ग, देहरादून में शहीद मेजर विभूति शंकर ढ़ौडियाल के आवास पर जाकर उनकी पार्थिव देह पर पुष्प चक्र अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। मुख्यमंत्री ने शहीद के परिजनों से भेंट कर शोक संवेदना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता दुःख की इस घड़ी में शहीद परिवार के साथ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शहीद मेजर विभूति शंकर ढ़ौडियाल के आश्रितों को शैक्षिक योग्यता के अनुसार नौकरी दी जाएगी। इस अवसर पर विधानसभा अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, कैबिनेट मंत्री अरविन्द पांडेय, विधायक हरवंश कपूर, गणेश जोशी, मुन्ना सिंह चौहान, खजान दास, प्रीतम सिंह, मेयर सुनील उनियाल गामा व सैन्य अधिकारियों ने मेजर विभूति शंकर ढ़ौडियाल को श्रद्वांजलि अर्पित की।