शादी की इन रस्मों का है सेहत से कनेक्शन, जिनके बारे में नहीं जानते होंगे आप
शादी की रस्मों के बरे में कौन नहीं जनता होगा, हमारे देश के अलग अलग राज्यों में शादी की अलग अलग रस्में होती हैं। अलग मान्यताएं होती हैं। आज हम आपको शादी की कुछ रश्मों के बारे में बताने वाले हैं। शादी की इन रस्मों का सेहत के साथ सॉलिड कनेक्शन है। आप हैरान हो गए न, ये जानकर कि शादी की रस्मों का सेहत से भी कोई कनेक्शन होता है। लेकिन ये सही है, जो रस्में हैं वो ऐसे ही नहीं हैं। उनका नव दंपतति की सेहत पर गहरा असर पड़ता है, ये असर सकारात्मक होता है।
शादी की रस्में
हमारे जीवन में शादी का बहुत महत्व है। हर धर्म के लोग अपने तरीके से शादी करते हैं। जिसमें कई तरह के रीति-रिवाज होते हैं। भारतीय शादी में बहुत सी रस्मेंनिभाई जाती हैं जो काफी पुरानी भी हैं और यह स्वास्थय के लिहाज से भी बहुत फायदेमंद हैं। शादी में मेंहदी से लेकर फेरों तक सबकी अलग-अलग मान्यताएं होती हैं। इनके फायदे क्या होते हैं, ये हम आपको बताते हैं।
मेंहदी की रस्म
किसी भी शादी में ये सबसे शुरूआती रसम होती है। दुल्हन के हाथों में मेंहदी लगाई जाती है। क्या आप जानते हैं कि इस रस्म का दुल्हन की सेहत पर क्या अस होता है। मेंहदी में एंटीसेप्टिक गुण होते हैं जिससे शरीर ठंडा रहता है। शादी की भागदौड़ और तनाव के कारण दुल्हन को सिरदर्द और बुखार जैसी समस्याएं हो जाती है। इस तरह की इंफैक्शन और वायरल से बचने के लिए मेंहदी बहुत मदद करती है।
हल्दी की रस्म
ये रस्म भी सेहत से जुड़ी हुई है। शादी से पहले वर-वधू को हल्दी लगाई जाती है। हल्दी में कई तरह के औषधीय गुण होते हैं। हल्दी शरीर को बैक्टीरिया से दूर रखनमें सहायक होती है। इसके अलावा हल्दी लगाने से चेहरे में निखार आता है। हल्दी लगाने से रंगत में भी निखार आता है। साथ ही शरीर की ऊर्जा बनी रहती है। शादी की भागदौड़ में ये रस्म सेहत के लिहाज से बहुत जरूरी है।
चूड़ियां पहनाने की रस्म
चूड़ियों को केवल सजावटी वस्तु मान लना गलत होगा। चूड़ियों का सेहत की दृष्टि से बहुत महत्व है। शादी के समय दुल्हन के दोनों हाथों में चूड़ियां पहनाई जाती हैकलाईयों में कई एक्यूप्रैशर पॉइंट्स होते हैं। चूड़ियां पहनने से इनमें दबाव पड़ता है जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। तो अब समझ गए न कि चूड़ियों का क्या महत्व होता है। इस से रक्त का संचार बना रहता है। तनाव नहीं होता है।
सिंदूर की रस्म
सिंदूर को सुहाग की निशानी माना जता है। शादी में दूल्हा दुल्हन की मांग में सिंदूर भरता है। सिंदूर एक औरत के शादीशुदा होने की निशानी है। इसके अलावा ये स्वास्थय के लिए भी काफी फायदेमंद होता है क्योंकि सिंदूर में हल्दी, चूना और पारा होता है जो शरीर को ठंडक देता है। इसके साथ ही माथे पर लगाए जाने के कारण सिंदूर ध्यान करने में भी सहायक होता है।
पैरों में बिछुए पहनना
ये भी एक अहम रस्म है। शादी के समय दुल्हन के पैरों में बिछुए पहनाए जाते हैं। बिछुए पैर के अगुंठे की साथ वाली उंगली में पहनाए जाते हैं। आपको शायद पता नहीं होगा कि इस उंगली में एक विशष किस्म की नस होेती है जो गर्भाशय से गुजरती है और दिल तक पहुचती है। बिछुए पहनने से गर्भाशय मजबूत बनता है और पीरियड्स भी अपने तय समय पर होते हैं।
फेरों की रस्म
किसी भी शादी की सबसे अहम रस्म यही मानी जाती है। सात फेरों में सात वचन किए जाते हैं। शादी के फेरे अग्नि कुंड के चारों तरफ लिए जाते हैं। इसका सेहत केसाथ क्या कनेक्शन है, अग्नि से निकलने वाले धुएं से वातावरण शुद्द होता है जिसका सीधा असर अग्नि के फेरे लेते हुए वर-वधू पर पड़ता है। इससे उन पर साकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उनका दांपत्य जीवन सुखी रहता है।
हर रस्म का अपना महत्व
शादी की इन रस्मों को आज कल के युवा फालतू और समय की बर्बादी मानते हैं। लेकिन इन रस्मों का अपना महत्व है। जिन लोगों ने इन रस्मों को शुरू किया था,वो सेहत के बारे में बहुत ज्यादा जानते थे, यही कारण है कि आज तक इन रस्मों को निभाया जा रहा है। भारतीय परंपरा में हर काम का कोई कारण होता है। शादी की रस्मों का सेहत के साथ कनेक्शन शायद आपको भी नहीं पता होगा।