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श्रीलंका राष्ट्रपति चुनाव: साजिथ प्रेमदासा ने राजपक्षे के खिलाफ स्वीकार की हार, दी बधाई

कोलंबो । Sri Lanka presidential election, श्रीलंका की सत्तारूढ़ पार्टी के उम्मीदवार साजिथ प्रेमदासा ने अपने प्रतिद्वंद्वी गौतबाया राजपक्षे के खिलाफ हार स्वीकर ली है। उन्होंने गौतबाया राजपक्षे को जीत के लिए बधाई दे दी है। उन्होंने कहा, ‘ मैं लोगों के निर्णय का सम्मान करता हूं और गोटाबैया राजपक्षे को श्रीलंका के सातवें राष्ट्रपति के रूप में उनके निर्वाचन पर बधाई देता हूं।’

समाचार एजेंसी एएफपी के अनुसार फिलहाल नतीजों की आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। इससे पहले राजपक्षे के प्रवक्ता ने कहा कि 70 वर्षीय सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल ने शनिवार को हुए चुनाव को जीत लिया है। इसके बाद ही साजिथ प्रेमदासा का यह बयान सामने आया।

बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव के शुरुआती रुझानों में पूर्व रक्षा सचिव व विपक्ष के नेता गौतबाया राजपक्षे आगे चल रहे हैं। चुनाव आयोग के अनुसार डेढ़ लाख वोटों की गिनती हो गई है। इस दौरान मुख्य विपक्षी उम्मीदवार राजपक्षे 52.87 प्रतिशत वोटों के साथ सबसे आगे चल रहे हैं। सजीथ प्रेमदासा 39.67 प्रतिशत वोटों के साथ दूसरे नंबर पर हैं। वामपंथी अनुरा कुमारा डिसनायके 4.69 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर थीं। आयोग के अध्यक्ष महिंदा देशप्रिया ने कहा कि 15.99 मिलियन पात्र मतदाताओं में से लगभग 80 प्रतिशत ने शनिवार के दिन मतदान में भाग लिया।

ईस्टर धमाकों के सात माह बाद हुए चुनाव

देश में ईस्टर धमाकों के करीब सात महीने बाद शनिवार को राष्ट्रपति चुनाव हुए। इस दौरान छिटपुट हिंसा और फायरिंग की घटनाएं सामने आई। मन्नार में अल्पसंख्यक मुस्लिम वोटरों को ले जा रहीं दो बसों गोलीबारी हुई।

सिंहली क्षेत्र में राजपक्षे आगे

70 वर्षीय राजपक्षे को द्वीप के बहुसंख्यक सिंहली क्षेत्रों में आगे चल रहे थे, जबकि प्रेमदासा पर उत्तरी और पूर्वी क्षेत्रों में द्वीप के अल्पसंख्यक तमिल समुदाय ने काफी भरोसा दिखाया है। उदारवादी यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) के 52 वर्षीय नेता प्रेमदासा, पूर्व राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा के बेटे हैं। रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या हो गई थी।

यूएनपी सरकार की परीक्षा

चुनाव 21 अप्रैल के आत्मघाती बम हमलों के बाद से यूएनपी के नेतृत्व वाली सरकार की लोकप्रियता की पहली परीक्षा है। इसमें लगभग 269 लोग मारे गए थे और इसके लिए स्थानीय इस्लामवादी चरमपंथियों पर दोषी ठहराया गया था।

सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा

पूर्व चेतावनी के बावजूद हमलों को रोकने में विफल रहने के लिए सरकार को कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा था। प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने अपने डिप्टी प्रेमदासा को पूर्व महिंदा राजपक्षे के छोटे भाई गौतबाया राजपक्षे के खिलाफ मैदान में उतारा है।

रविवार देर रात तक अंतिम परिणाम

गोतबाया को तमिल विद्रोहियों पर शिकंजा कसने और 2005 से 2015 तक राष्ट्रपति रहे महिंदा के कार्यकाल के दौरान मई 2009 में 37 साल के अलगाववादी युद्ध को समाप्त करने के लिए सुरक्षाबलों को निर्देश देने का श्रेय दिया जाता है। चुनाव आयोग ने कहा है कि वह रविवार देर रात तक अंतिम परिणाम आ जाएंगे।

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