संभल में मंदिर निर्माण पर नहीं मिली हाईकोर्ट से राहत
इलाहाबाद: संभल जि़ले में कल्कि भगवान का मंदिर बनाए जाने के मामले में पीठाधीश्वर व कांग्रेस नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम को इलाहाबाद हाईकोर्ट से शुक्रवार को राहत नहीं मिल सकी है। हाईकोर्ट ने इस मामले में संभल के जिला प्रशासन द्वारा पिछले साल नवम्बर महीने में लगाई गई रोक के मामले में सीधे तौर पर दखल देने से मना कर दिया है। अदालत ने कहा है कि इस मामले में संभल का जिला प्रशासन ही फैसला लेगा। अदालत ने आचार्य प्रमोद कृष्णम से संभल यानी भीमनगर के डीएम के सामने नई अर्जी दाखिल करने को कहा है और संभल के डीएम को आदेश दिया है कि वह प्रमोद कृष्णम की अर्जी पर उचित आधार के साथ चार हफ्ते में फैसला लें। अदालत ने अपने फैसले में यह भी कहा है कि अगर आचार्य प्रमोद कृष्णम डीएम के फैसले से संतुष्ट न हों तो बाद में उसे ज़रूर अदालत में चुनौती दे सकते हैं।
कल्कि धाम के पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम की तरफ से देश के पूर्व क़ानून मंत्री और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट सलमान खुर्शीद ने अदालत में बहस की, लेकिन वह भी आचार्य कृष्णम को कोई राहत नहीं दिला सके। गौरतलब है कि कांग्रेस के नेता और संत आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पिछले साल यूपी के संभल जिले के कम्बोह गांव में कल्कि धाम बनाए जाने का एलान किया था। इसके निर्माण के खिलाफ स्थानीय लोगों ने विरोध किया तो क़ानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला प्रशासन ने शिलान्यास पर 6 नवम्बर को शिलान्यास कार्यक्रम पर रोक लगा दी। रोक के बावजूद शिवपाल यादव और दिग्विजय सिंह जैसे कई नेता कार्यक्रम में पहुंचे थे। डीएम द्वारा शिलान्यास और निर्माण पर लगी रोक को हटाए जाने की मांग को लेकर पीठाधीश्वर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की। हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई जस्टिस तरुण अग्रवाल और जस्टिस अशोक कुमार की डिवीजन बेंच में हुई। अदालत ने इस मामले में दखल देने से इंकार करते हुए संभल के डीएम को चार हफ्ते में फैसला लेने का आदेश दिया है।