अन्तर्राष्ट्रीय

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा- बच्चों को आतंकी समूहों में भर्ती करता है पाकिस्तान

भारत ने जम्मू-कश्मीर के बच्चों को लेकर झूठ फैलाने की कोशिश पर पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाई है। भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में छोटे बच्चों को चरमपंथी विचारधारा वाले स्कूलों में भेजकर उन्हें आतंकी समूहों में भर्ती कर उनके भविष्य को बर्बाद किया जा रहा है। संयुक्त राष्ट्र में ‘बच्चों के अधिकारों के संवर्धन और संरक्षण’ विषय पर महासभा की तीसरी समिति के सत्र में बोलते हुए, यूएन में भारत के स्थायी मिशन की प्रथम सचिव पालोमी त्रिपाठी ने पाक का नाम लिए बिना कहा कि एक प्रतिनिधिमंडल ने फिर झूठे राजनीतिक प्रचार से समिति की ध्यान भटकाने की कोशिश की है। त्रिपाठी ने बुधवार को पाक की निवर्तमान यूएन राजदूत मलीहा लोधी द्वारा समिति में की गई टिप्पणी का जवाब दिया।

त्रिपाठी ने कहा, ‘यह एक ऐसा देश है, जहां छोटे बच्चों को हिंसक चरमपंथी विचारधाराओं वाले स्कूलों में शिक्षा मिलती है और उन्हें आतंकी समूहों में भर्ती कराया जाता है, जिससे न केवल उनके बच्चों का भविष्य खराब हो रहा है, बल्कि इससे सीमा के आस-पास के बच्चों का भविष्य भी खतरे में है। अगर यह मासूम बच्चों के अधिकारों और स्वतंत्रता का उल्लंघन नहीं है, तो क्या है?’

भारत उलझना नहीं चाहता
पालोमी त्रिपाठी ने कहा कि पाक ने समर्थन जुटाने की हताशा में एक यूएन विशेषज्ञ को अप्रासंगिक संदर्भ का हवाला दिया। इस प्रतिनिधिमंडल के अतीत में निराधार आरोपों से विश्व समुदाय गुमराह नहीं हुआ है और हमें भरोसा है कि आगे भी नहीं होगा। इस पर हम और उलझना नहीं चाहते हैं। त्रिपाठी ने यह बात 2018 में आजादी से वंचित बच्चों पर आधारित वैश्विक अध्ययन पर लोधी की टिप्पणी के जवाब में कही।

बच्चों के अधिकारों को लेकर भारत का कदम
बच्चों के अधिकारों की रक्षा के लिए भारत द्वारा उठाए गए उपायों पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि स्कूलों में स्वच्छ भारत मिशन के साथ मिड-डे मील योजना का उद्देश्य स्कूल में बच्चों की उपस्थिति को बेहतर बनाना है। सेव द गर्ल चाइल्ड, एजुकेट द गर्ल चाइल्ड कार्यक्रमों के माध्यम से भारत में बाल लिंग अनुपात के असंतुलन को दूर करने की कोशिशें की जा रही हैं।

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