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संसदीय समिति के सवालों का उर्जित पटेल को 10 दिन में देना होगा लिखित जवाब

रिजर्व बैंक गवर्नर उर्जित पटेल मंगलवार को संसदीय समिति के सामने पेश हुए और समिति के सामने नोटबंदी, बैंक एनपीए समस्या समेत कई मुद्दों पर अपना पक्ष रखा. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में उर्जित पटेल ने दावा किया कि नोटबंदी के फैसले का क्षणिक असर अर्थव्यवस्था पर पड़ा है. सूत्रों के मुताबिक उर्जित पटेल ने 31 सदस्यीय स्टैंडिंग कमेटी ऑन फाइनेंस के सामने कहा है कि वैश्विक स्तर पर सस्ता कच्चा तेल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अहम है. पटेल ने कहा कि सस्ती कीमतों पर कच्चा तेल मिलने से भारतीय अर्थव्यवस्था को फायदा होगा.

संसदीय समिति के सवालों का उर्जित पटेल को 10 दिन में देना होगा लिखित जवाबइस मुलाकात के दौरान संसदीय समिति के सदस्यों ने आरबीआई की स्वायत्तता, केन्द्र सरकार द्वारा आरबीआई एक्ट के सेक्शन 7 के इस्तेमाल और आरबीआई के रिजर्व खजाने पर भी सवाल उठाया है. इन सभी सवालों का जवाब अब उर्जित पटेल 10 दिनों के अंदर लिखित तौर पर संसदीय समिति को सौपेंगे.

सूत्रों के मुताबिक नोटबंदी के सवालों के साथ-साथ संसदीय समिति पटेल से हाल में केन्द्र सरकार और रिजर्व बैंक के बीच उपजे विवाद पर भी सवाल दागे गए हैं. अब इन सवालों के दवाब के लिए समिति को 10 दिन का इंतजार करना होगा जब उर्जित पटेल लिखित में सभी सवालों के जवाब सौपेंगे.

इससे पहले भी संसदीय स्थायी समिति ने रिजर्व बैंक गवर्नर को तलब किया है और नोटबंदी, बैंकों के एनपीए की समस्या समेत कई सवालों पर अपना पक्ष रखने के लिए कहा था. एक बार फिर समिति रिजर्व बैंक प्रमुख से नोटबंदी के फैसले का देश के किसानों पर हुए असर पर सवाल पूछ सकती है. गौरतलब है कि बीते हफ्ते सोमवार को केन्द्रीय बैंक के बोर्ड की अहम बैठक हुई थी जिसमें बैंक बोर्ड ने देश में तरलता की समस्या पर चर्चा की थी. इस समस्या के चलते बीते एक महीने से केन्द्र सरकार और केन्द्रीय बैंक के बीच खींचतान की स्थिति बनी हुई है.

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