उत्तर प्रदेशलखनऊ

समधियाने में हारी सपा, सोशल मीडिया पर पूछ रहे लोग- किस मुंह से ससुराल जाएंगे तेजू

दस्तक टाइम्स/एजेंसी: teju2_1446967934लखनऊ. वैसे तो समधियाने (ससुराल) में दामाद और उसके परिवार की बहुत खातिरदारी होती है, लेकिन बिहार विधानसभा चुनाव में कुछ अलग ही नजारा देखने को मिला। रविवार को चुनाव के नतीजे आ गए हैं। इसमें समाजवादी पार्टी सपा अपने समधियाने में ही चारों खाने चित हो गई है। बिहार विधानसभा चुनाव के नतीजों में आरजेडी को 72 सीटें मिली हैं, लेकिन सपा को एक भी सीट नहीं मिली। बता दें, सपा सुप्रीमो मुलायम के पोते और मैनपुरी के सांसद तेज प्रताप सिंह की शादी बिहार के आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव की सबसे छोटी बेटी राजलक्ष्मी से शादी हुई है। सपा की हार का असर सोशल मीडिया पर भी देखा जा सकता है। लोग ट्वीट और पोस्ट करके एक-दूसरे से पूछ रहे हैं कि अब तेजू किस मुंह से ससुराल जाएंगे?
 
महागठबंधन से अलग हुई थी सपा
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सीटों के बंटवारे को लेकर महागठबंधन में दरार पड़ गई थी। महागठबंधन की वजह से सपा को सिर्फ 2 सीटें दी जा रही थी। जब सपा ने इसका विरोध किया, तो समधी लालू के कहने पर सीटों की संख्या 2 से 5 कर दी गईं। सपा ने इसे अपना अपमान माना और 3 सितंबर को लखनऊ में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव प्रोफेसर रामगोपाल यादव ने महागठबंधन से अलग होने का एलान कर दिया। 
क्या कहा था रामगोपाल यादव ने?
महागठबंधन से अलग होने के बारे में रामगोपाल यादव ने कहा था, ”जनता परिवार ने बिहार में सपा को 5 सीटें दी थी। जब पार्टी गठबंधन में थी, तो सीटों का फैसला करते समय हमसे भी बात करनी चाहिए थी। यह किसी गठबंधन धर्म के मुताबिक नहीं था। इससे पार्टी के नेता और कार्यकर्ता सहमत नहीं थे। वह खुद को अपमानित महसूस कर रहे थे। इसके बाद पार्टी ने सम्मानजनक तरीके से अपने बलबूते पर चुनाव लड़ने का फैसला लिया।”
 
फिर बनाया तीसरा मोर्चा
सीटों को लेकर नाराज अन्य पार्टियों के साथ सपा ने बिहार में तीसरा मोर्चा (थर्ड फ्रंट) भी बनाया था। इसमें सपा के अलावा, एनसीपी, पूर्व लोकसभा स्पीकर पी ए संगमा की नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) और समाजवादी जनता दल-डेमोक्रेटिक इस मोर्चे का हिस्सा थी। बिहार में सपा ने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन सपा के कैंडिडेट्स सभी सीटों पर हार गए हैं। इस तरह सपा अपने समधियाने में ही चारों खाने चित हो गई है।
 
दिग्गजों की टीम ने किया था प्रचार
सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव को 12 अक्टूबर को पहली रैली बिहार के भभुआ में करनी थी। इससे पहले ही रैली और चुनाव के प्रचार में सपा ने अपनी ताकत झोंक दी। सपा ने बिहार में मंत्रियों की फौज उतार दी थी। इसमें ओमप्रकाश सिंह, नारद राय, अंबिका चौधरी, रामगोविंद चौधरी, कमाल अख्‍तर, राजीव राय और पार्टी के राष्‍ट्रीय महासचि‍व कि‍रणमय नंदा शामि‍ल है।
तेजू किसका करें प्रचार इसपर था सस्पेंस
यही नहीं, सपा जब बिहार चुनाव में महागठबंधन से अलग हुई थी, तब यह सस्पेंस भी था कि तेज प्रताप सिंह यादव बिहार में अपने दादा मुलायम का प्रचार करेंगे या फिर अपने ससुर लालू यादव का। हालांकि, बाद में तेज प्रताप ने बिहार चुनाव में प्रचार करने से ही मना कर दिया था।
 
सपा की हार पर क्या कहते हैं तेजप्रताप?
मैनपुरी में सपा सांसद और लालू के दामाद तेज प्रताप सिंह ने कहा, “बिहार में समाजवादी विचारधारा की जीत हुई है। इससे साबित हो गया है कि माहौल को खराब करने वाली बीजेपी को जनता ने नकार दिया है।” हालांकि, जब उनसे पूछा गया कि ससुराल में आपकी पार्टी की हार का क्या असर होगा, तो उन्होंने कहा, “निजी जिंदगी में राजनीति का कोई फर्क नहीं पड़ता है। ससुर की जीत का जश्न मनाने पर तेज प्रताप ने कहा, “ससुराल में आरजेडी की जीत का जश्न मनाया जा रहा है, लेकिन उन्होंने नहीं मनाया।”
 
कब हुई थी तेजप्रताप और राजलक्ष्मी की शादी?
27 फरवरी को मुलायम सिंह यादव के पोते तेज प्रताप यादव की शादी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की बेटी राजलक्ष्मी से दिल्ली में हुई थी। बरातियों में मुलायम सिंह यादव, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के अलावा उनके परिवार के कई सदस्य शामिल हुए थे। लालू यादव की ओर से होटल अशोका में राबड़ी देवी, उनकी बेटियां-मीसा भारती, दिव्या,आरती, रागिनी, बेटा-तेजस्वी यादव ने मेहमानों का स्वागत किया था। शादी में तेज प्रताप और राजलक्ष्मी को आशीर्वाद देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी पहुंचे थे।

 

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