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समलैंगिक जोड़ों को नहीं मिलता अमेरिका का वीजा, वजह हैरान कर देने वाली

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने भले ही समलैंगिकता को अपराध की श्रेणी से बाहर कर दिया है, लेकिन अभी भी उनके लिए चुनौतियां कम नहीं हैं। अगर कोई समलैंगिक अमेरिका में रह रहा है और उसके पास एच-1बी वीजा है और वो अपने समलैंगिक साथी को एच-4 वीजा के जरिए अपने साथ ले जाना चाहता है तो यह उसके लिए मुमकिन नहीं होगा, क्योंकि अमेरिका ऐसे जोड़ों को वीजा नहीं देता है। समलैंगिक जोड़ों को नहीं मिलता अमेरिका का वीजा, वजह हैरान कर देने वाली

दरअसल, अमेरिका आव्रजन (इमिग्रेशन) कानून के मुताबिक, ऐसे जोड़ों को ही एच-4 वीजा दिया जाता है, जो शादीशुदा हों। बिना शादी के रिश्तों को इस कानून में मान्यता नहीं दी गई है और इसलिए उन्हें आश्रित (डिपेंडेंट) वीजा नहीं मिलता है।

उदाहरण के लिए, अगर कोई पुरुष एच-1बी वीजा के साथ अमेरिका में रह रहा हो और अगर वह अपनी गर्लफ्रैंड या किसी दोस्त के लिए एच-4 वीजा यानी आश्रित (डिपेंडेंट) वीजा के लिए अप्लाई करता है तो उसे वीजा नहीं मिलता है, क्योंकि वो शादीशुदा नहीं हैं। यही कानून समलैंगिकों पर भी लागू होता है।

बता दें कि भारत में अभी भी समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं मिली है। यही कारण है कि उन्हें अमेरिका में आव्रजन (इमिग्रेशन) कानून में छूट नहीं मिलती है, जबकि ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन और कनाडा जैसे देशों में समलैंगिक जोड़ों को आव्रजन (इमिग्रेशन) कानून में छूट मिलती है। लेकिन इसके लिए भी एक शर्त है कि अगर समलैंगिक जोड़े लंबे समय से साथ रह रहें हों, तभी उन्हें आव्रजन (इमिग्रेशन) कानून में छूट मिलती है।

टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया में भी पहले समलैंगिक जोड़ों के लिए अलग कानून थे, जिस समय वहां समलैंगिक शादी को मान्यता नहीं मिली थी। वहीं, ब्रिटेन समलैंगिक जोड़ों को आश्रित (डिपेंडेंट) वीजा देता है, अगर वो 2 सालों से साथ रह रहे हों तो।

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