नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार दिनों में दो बार अपने मंत्रीपरिषद के सहयोगियों और बीजेपी के पदाधिकारियों के साथ मीटिंग कर चुके हैं। पीएम ने सोमवार को हुई दूसरी मीटिंग में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ-साथ बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और प्रभारी संगठन महासचिव बीएल संतोष से बातचीत की। मोदी ने रसायन एवं उर्वरक मंत्री डीवी सदानंद गौड़ा और सड़क परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह से भी बात की है।
चार दिन पहले ही की थी ऐसी ही मीटिंग
इससे पहले, मोदी ने शुक्रवार को गृह मंत्री अमित शाह और कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद के साथ मीटिंग की थी। नड्डा और संतोष उस मीटिंग में भी शामिल रहे थे। हालांकि, पार्टी का कहना है कि ऐसी मुलाकातें और बैठकें नियमित कामकाज का हिस्सा हैं, लेकिन ताजा बैठकों के दौर ने सबका ध्यान इसलिए विशेष तौर पर आकर्षित किया है क्योंकि लंबी अवधि के बीच पीएम ने सरकार और संगठन के लोगों के साथ आमने-सामने बैठकर बात की है।
मोदी के मन में चल क्या रहा है?
ऐसे में बैठक के मुद्दों को लेकर लगातार अटकलें लगाई जा रही हैं। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री केंद्र सरकार के कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं और इसी क्रम में सरकार और संगठन के बीच सामंजस्य बढ़ाने की तरकीब पर भी बातचीत हो रही है। ऐसी खबरें आ रही हैं कि प्रधानमंत्री अपनी सरकार के कामकाज में और निखार लाना चाहते हैं, जिसके लिए वो सरकार में हिस्सेदार शख्सियतों से लेकर संगठन के प्रमुख पदाधिकारियों तक से रायशुमारी कर रहे हैं। वो सरकार और संगठन के बीच तालमेल बढ़ाने पर भी जोर दे रहे हैं, इस कारण भी मीटिंग में सरकार और संगठन, दोनों के प्रतिनिधियों को एकसाथ शामिल कर रहे हैं।
इन बातों की भी अटकलें
अब तक हुई दो ऐसी बैठकों के बारे में कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से निबटने में केंद्र सरकार की भूमिका कैसी रही और केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों ने इस दिशा में कितना काम किया, इसे लेकर वो सबकी राय जानना चाहते हैं। कहा यह भी जा रहा है कि इन बैठकों में केंद्रीय मंत्रीमंडल में फेरबदल और उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भी गहन चर्चा हुई है।