सरकार ने इंफ्रा को दिए 3.96 लाख करोड़, मांग-रोजगार में होगी बढ़ोतरी
चालू वित्त वर्ष में राष्ट्रीय राजमार्ग के लिए 57,676 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। समुद्री इलाके को सड़क से जोड़ने के लिए अलग से 2000 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया जाएगा। बजट प्रावधान में गांव की सड़कों का भी ध्यान रखा गया है। ग्रामीण इलाके में सड़क निर्माण के लिए 19,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है ताकि दूरदराज के इलाकेको सड़क मार्ग से जोड़ा जा सके।
सरकार ने बजट में इंफ्रास्ट्र्क्चर के तहत मुख्य रूप से रेलवे, सड़क, नदी मार्ग व नागरिक उड्डयन के विकास पर सरकार ने अपना फोकस किया है। इसके अलावा सोलर व डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी मजबूत बनाने के लिए स्कीम लाई गई है।
सिमेंस लिमिटेड के कार्यकारी वाइस प्रेसिडेंट (इंफ्रास्ट्रक्चर एंड सिटीज) तिलक राज सेठ ने बताया कि इंफ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने से निवेश व रोजगार दोनों में बढ़ोतरी होगी जो इस समय की मांग है। उन्होंने बताया कि बजट के मुताबिक सरकार पांच लाख राजमिस्त्री को कौशल विकास का प्रशिक्षण देने जा रही है। नई मेट्रो नीति से भी रोजगार व निवेश को प्रोत्साहन मिलेगा। सेठ ने कहा कि बजट में मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक के विकास की बात की गई है जो कि नदी मार्ग को आने वाले समय में विकसित करेगी।
बजट में सरकार ने निजी-सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) केतहत इंफ्रास्ट्र्क्चर से जुड़ी परियोजनाओं के विवाद के जल्द निपटान के लिए चालू वित्त वर्ष में एक बिल लाने जा रही है ताकि विवाद में फंसी परियोजनाओं के काम में तेजी लाई जा सके। औद्योगिक संगठन सीआईआई के प्रेसिडेंट व फोर्ब्स मार्शल प्राइवेट लिमिटेड के को-चेयरमैन नौशाद फोर्ब्स ने कहा कि सरकार का यह कदम सबके हक में है क्योंकि कई परियोजनाएं विवाद के कारण फंसी रहती हैं और इनकी लागत बढ़ जाती है।
सरकार ने कहा है कि उनका लक्ष्य ट्रांसोपर्ट के क्षेत्र में परमिट राज को खत्म करना है। इसके लिए मोटर वाहन कानून में संशोधन लाया जाएगा। ताकि किसी भी रूट पर कोई भी व्यक्ति अपनी बस व गाड़ी चला सके।
कोयले की जगह परमाणु बिजली पर होगा जोर
आगामी वित्त वर्ष 2017-18 के बजट में बिजली के माध्यम को बदलने की बात की गई है। सरकार अगले 15-20 साल की योजना बना रही है जिसके तहत परमाणु बिजली के क्षेत्र में निवेश किया जाएगा। इस काम के लिए हर साल 3000 करोड़ रुपये तक प्रावधान किया जाएगा।
गहरे पानी से गैस निकालने पर सरकार देगी इंसेंटिव
बजट में कहा गया है कि गहरे पानी, उच्च तापमान वाले इलाके में गैस निकालने का काम करने पर सरकार की तरफ से इंसेंविट दिए जाएंगे। जल्द ही इसकेलिए नीति बनाई जाएगी। सरकार का मानना है कि हमारे देश में गैस की मांग के मुताबिक गैस का उत्पादन नहीं है जिसकी वजह से हमें काफी अधिक मात्रा में आयात करना पड़ता है।