सांरगपुर घर-घर हुई घट स्थापना, सजे मॉ के दरबार
सांरगपुर (एजेंसी), सनातन धर्म मे हिंदु संस्कृति मे अनेक पर्व उत्सव मनाये जाते है, जिसमे विशेष रुप से शक्ति की उपासना का अधिक महत्व है। जो नवरात्रि के रुप मे मनाया जाता है। नवरात्रि संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ होता है नौ रातें। पं. कैलाश शर्मा के अनुसार नवरात्रि का यह पर्व साल में चार बार चैत्र, आषाढ, अश्विन, पोष प्रतिपदा से नवमी तक मनाया जाता है। नवरात्रि के नौ रातो में तीन देविया महा काली, महा लक्ष्मी और महा सरस्वती तथा दुर्गा के नौ स्वरुप शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी, सिद्धिदात्री की पूजा होती है। शनिवार से प्रारंभ हुऐ नवरात्रि मे एक ओर जहां साधकगण अपनी साधना और जप-तप, तंत्र मंत्र से सिद्धी मे जुट गऐ है। वही दुसरी ओर विभिन्न समितियो, मोहल्लो मे मॉ की विशाल मूर्तियां स्थापित की जाकर भक्तगण शक्ति की आराधना के लिए घरो तथा मंदिरो मे घट स्थापना की। विशेष रूप से मां बिजासन भैसवामाता तथा नगर के श्री अंबिका माता मंदिर पर श्रद्धालुओ का दर्शनार्थ तांता देखा गया। वही सार्वजनिक उत्सव समिति, विनायक स्टेट, नवदुर्गा उत्सव समिति वाल्मिकी बस्ती, प्रोडन्स क्लब अस्पताल रोड सहित अन्य धर्मिक सगंठनो द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमो का श्री गणेश किया। वही नवरात्रि के भव्य आयोजनो मे सुरक्षा व्यवस्था हेतू एसडीएम नीता राठौर व एसडीओपी जयराज कुबेर के निर्देशन मे तहसीलदार एआर चिरामन व टीआई चंदनसिंह सूरमा ने नगर का सतत निरिक्षण किया।