कोलकाता। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की विशेष अपराध शाखा ने बुधवार को करोड़ों रुपये के सारदा घोटाले में पहला आरोप पत्र दायर कर दिया। जांच एजेंसी ने करीब चार महीने पहले उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर मामले की जांच शुरू की थी। सीबीआई सूत्रों ने कहा कि 25 पन्नों के आरोप पत्र के साथ दायर संलग्नक में तीन आरोपियों – सारदा समूह के प्रमुख सुदीप्तो सेन, उनकी करीबी सहयोगी देबजानी मुखर्जी और तृणमूल कांग्रेस के निलंबित राज्यसभा सदस्य कुणाल घोष के नाम शामिल हैं। सीबीआई के जांच अधिकारी ने एजेंसी के वकील के साथ शहर की सत्र अदालत के मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट के समक्ष आरोप पत्र दायर किया। एजेंसी दूसरे आरोपियों की भूमिका और वित्तीय लेन देन का पता लगाने के लिए जांच जारी रखेगी। सूत्रों ने बताया कि तीनों आरोपियों के अलावा पांच कंपनियों का नाम भी आरोप पत्र में शामिल किया गया है। ये कंपनियां सारदा टूर एंड टै्रवल्स, सारदा गार्डन्स, सारदा रियल्टी, सारदा कंस्ट्रक्शंस और कुणाल घोष के स्वामित्व वाली स्ट्रेटेजिक मीडिया है। सारदा समूह के प्रमोटर सुदीप्तो सेन और उनकी करीबी देबजानी मुखर्जी को अप्रैल 2013 में जम्मू कश्मीर के सोनमर्ग से गिरफ्तार किया गया था। वहीं, तृणमूल से निलंबित राज्यसभा सांसद कुणाल घोष नवंबर 2013 से जेल में बंद हैं। इस मामले में सीबीआई ने कई नामचीन हस्तियों से पूछताछ की है। एजेंसी