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सालो से लंबित पड़ा हिन्दू मैरिज एक्ट पारित : पाकिस्तान

hindu-marriage-bill_57ea5b875073cपाकिस्तान :उरी आतंकी हमले के बाद भारत पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बीच पाकिस्तान संसद में सालो से लंबित पड़े हिन्दू मैरिज बिल को पारित कर दिया गया है. जिसके बाद अब पाकिस्तानी हिन्दुओ को क़ानूनी अधिकार प्राप्त हो सकेंगे. पारित किये गए बिल में  हिंदुओं की शादी, परिवार, मां और बच्चे को सुरक्षा प्रदान की बात कही गयी है. 

बता दे की इससे पहले पाकिस्तान में हिन्दू अपनी मैरिज को रेजिस्टर्ड नहीं कर सकते थे. लेकिन इस नए मैरिज बिल के पारित होने के बाद यहाँ हिन्दू समुदाय के लोग अपनी शादी का रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे. इसके साथ ही पुनर्विवाह, संतान गोद लेने और उत्तराधि‍कार जैसे कानूनी अधिकारों से जुड़े मामलो में भी पाकिस्तानी हिन्दुओ को फायदा पहुचेगा. 

पाकिस्तानी संसद में पारित किये गए इस बिल में हिन्दू जोड़े के लिए शादी की उम्र काम से काम 18 वर्ष होनी चाहिए. जबकि भारतीय हिन्दू मैरिज बिल के तहत लड़को के लिए यह उम्र 21 वर्ष और लड़कियों के लिए यह उम्र 18 वर्ष रखी गयी है.

इसके अलावा पाकिस्तान हमें हिन्दू मैरिज बिल के तहत कहा गया है की, अगर पति पत्नी १ साल तक साथ नहीं रह रहे है और एक दुसरे से तलाक लेने के इक्छुक है तो, उन्हें तलाक दिया जा सकता है. वही  इस बिल के तहत पति की मृत्यु के 6 महीने बाद उसकी विधवा को दोबारा शादी करने का धिकार होगा. जबकि भारत में इसके लिए कोई तय समय सिमा निर्धारित नहीं की गयी है. 

संसद में पारित हुए इस बिल के अनुसार अगर कोई व्यक्ति अपनी पत्नी के होते हुए दूसरी शादी करता है तो यह एक दंडनीय अपराध माना जायेगा. साथ ही उस शादी को भी मान्य नहीं माना जायेगा. इसके अलावा हिन्दू मैरिज एक्ट के उलंघन पर बिल में 6 माह की सजा का प्रावधान रखा गया है. 

बता दे की 1998 की जनगणना के आधार पर पाकिस्तान में हिंदुओं की आबादी करीब 25 लाख थी. जो की वहाँ की कुल जनसँख्या का २ फीसदी है. ऐसे में हिन्दू मैरिज बिल पारित होने से हिन्दू समादाय के लोगो के क़ानूनी अधिकार की रक्षा की जा सकेगी. इसके साथ ही हिन्दुओ के खिलाफ होने वाले अपराधों पर भी लगाम लगायी जा सकेगी. 

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