साल 2004 के बाद अभी तक आ चुकी है 144 उड़न तश्तरियां, अमेरिकी रिपोर्ट पेश, ये हुआ बड़ा खुलासा
वॉशिंगटन। दुनियाभर में उड़न तश्तरियां या एलियंस आज भी रहस्य का विषय बने हुए हैं। समय-समय पर दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में इसे देखे जाने के किस्से सामने आते रहते हैं। ऐसे में यह भी सवाल उठता है कि आखिर क्या उड़नतश्तियां या यूएफओ सच में होते हैं या यह सिर्फ इंसान की कोरी कल्पना है। इस तरह के कई सवाल आम जनता से लेकर दुनियाभर की सरकारों व वैज्ञानिको के मन में भी है।
इन सवालों का जवाब जानने के लिए अमेरिकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने उड़नतश्तरी, यूएफओ या एलियंस पर जांच के लिए एक टॉस्क फोर्स का गठन किया था, जिसने अपने रिपोर्ट हाल ही में अमेरिकी संसद यानि कांग्रेस के सामने पेश कर दिया है। हालांकि जब इस टास्क फोर्स का गठन किया गया था, उसके कुछ समय बाद ही यह दावा किया गया था कि पेंटागन ने यूएफओ यूनिट को भंग कर दिया है और जांच को रोक दिया गया है, लेकिन खुफिया तरीके से यह टास्क फोर्स काम करती रही और नेवी इंटिलिजेंस के तहत जारी इस प्रोग्राम को अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनॉमेना टास्क फोर्स का नाम दिया गया था, जिसका काम आसमान में उड़ने वाले अलग तरह के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट पर नजर रखना था।
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अनआइडेंटिफाइड एरियल फेनॉमेना टास्क फोर्स के विशेषज्ञ लगातार ऐसे फ्लाइंग ऑब्जेक्ट पर नजर रखते थे, जो अलग तरह के थे। वे इस पर भी शोध करना चाहते थे कि आखिर उड़नतश्तरियों के अंदर कोई जीव है या नहीं। गौरतलब है कि बीते साल जून में सीनेट की बैठक के दौरान अमेरिकी खुफिया एजेंसी के डॉयरेक्टर को यह निर्देश दिया गया कि वे अगले 6 महीनों के भीतर UFO और एलियंस के जुड़ी रिसर्च और फैक्ट्स को कमेटी के सामने पेश करें।
यूएफओ या एलियंस पर शोध को लेकर गठित पेंटागन टास्क फोर्स ने शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट कांग्रेस में पेश कर दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि साल 2004 के बाद से धरती पर अभी तक 144 यूएफओ या उड़न तश्तरियों को देखे जाने की घटना हुई है। टॉस्क फोर्स ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कहीं भी नहीं कही है कि उड़न तश्तरियों का संबंध दूसरे ग्रहों से आए एलियंस से है या नहीं। लेकिन साथ ही टॉस्क फोर्स ने दूसरे ग्रह के प्राणियों की संभावना को पूरी तरह से खारिज भी नहीं किया है। अमेरिकी सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि एलियंस को लेकर हमारे पास कोई स्पष्ट संकेत नहीं है कि दूसरे ग्रहों से आए जीव ही उड़तश्तरियों के लिए जिम्मेदार हैं।