सिगरेट ने छीन ली पिता बनने की खुशी
स्टॉकहोम: धूम्रपान के शौकीन जरा संभल जाएं। स्वीडन स्थित उपसाला यूनिवर्सिटी के हालिया अध्ययन में सिगरेट के धुएं को ‘वाई-क्रोमोजोम’ के अस्तित्व के लिए खतरनाक करार दिया गया है। नर लिंग का निर्धारण करने वाला ‘वाई-क्रोमोजोम’ शुक्राणुओं के सुचारू उत्पादन के लिए बेहद अहम माना जाता है। विभिन्न अध्ययनों में इसकी गैरमौजूदगी या संरचना में आए विकार को कैंसर, उच्च रक्चाप और स्ट्रोक समेत कई जानलेवा बीमारियों से भी जोड़ा गया है। जेन दुमंस्की के नेतृत्व में शोधकर्ताओं ने 6,000 पुरुषों के डीएनए पर सिगरेट के धुएं का दुष्प्रभाव आंका। उन्होंने पाया कि धूम्रपान छोड़ने वालों के मुकाबले इसकी लत के शिकार पुरुषों में ‘वाई-क्रोमोजोम’ नष्ट होने का खतरा तीन गुना ज्यादा होता है। यही वजह है कि सिगरेट पीने वाले पुरुषों को उम्र बढ़ने के साथ यौन इच्छा में कमी की शिकायत होने लगती है। इतना ही नहीं, महिलाओं की तुलना में कैंसर, स्ट्रोक और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियां पुरुषों के लिए ज्यादा जानलेवा क्यों साबित होती हैं, इसका जवाब भी अध्ययन के नतीजों में छिपा हुआ है।दुमंस्की के मुताबिक वाई-क्रोमोजोम स्तनपायी जीवों में पाए जाने वाले दो सेक्स क्रोमोजोम (एक्स और वाई) में से एक है। यह ‘एसआरवाई’ जीन से लैस होता है, जो नर हार्मोन के उत्पादन और पुरुषों के यौन अंगों के विकास के लिए अहम हैं। महिलाओं के शरीर में वाई-क्रोमोजोम नहीं पाया जाता है। अध्ययन के दौरान देखा गया कि जो पुरुष कई साल तक सिगरेट पीते हैं, उनके खून में वाई-क्रोमोजोम नदारद होने लगते हैं। इसलिए पिता बनने, नर संतान की उत्पत्ति और लंबी उम्र जीने की ख्वाहिश रखने वाले पुरुषों को सिगरेट से फौरन तौबा कर लेनी चाहिए। एजेंसियां