स्वास्थ्य

सिर दर्द से परेशान था, जांच में डॉक्टरों ने पाया कान के रास्ते बाहर आ रहा मस्तिष्क का हिस्सा

लोगननाथन ने बताया, ‘मुझे अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती थीं। जैसे धड़कन की आवाज। मुझे पता था कि मुझे सर्जरी से गुजरना पड़ेगा। पर, मैं डर रहा था। सर्जरी के बाद अब मैं ठीक हूं। अब मुझे अजीब आवाजें नहीं सुनाई दे रहीं।’

  • चेन्नै में एक मरीज के मस्तिष्क का कुछ हिस्सा कान में एक छेद के जरिए बाहर आ रहा था
  • कान और सिर में लगातार दर्द से परेशान था शख्स, जांच के बाद हुआ इसका खुलासा
  • आठ घंटे की सर्जरी के बाद डॉक्टरों ने कान में दिख रहे इस छेद को कर दिया बंद
  • डॉक्टरों ने कहा, 10 वर्ष पहले किसी दुर्घटना या फिर कान में सक्रमण से ऐसा संभव

चेन्नै: तमिलनाडु के चेन्नै में कान दर्द से परेशान एक मरीज के इलाज के दौरान चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इस मरीज के मस्तिष्क का कुछ हिस्सा कान में एक छेद के जरिए बाहर आ रहा था। आठ घंटे तक चली सर्जरी के बाद फिलहाल डॉक्टरों ने मस्तिष्क से बाहर आ रहे हिस्से को हटाकर कान के इस छेद को बंद कर दिया है। एक निजी कंपनी में ऑडिटर पद पर तैनात लोगननाथन (54) को कुछ समय पहले कान में मांस का कुछ हिस्सा उभरता हुआ महसूस हुआ। डॉक्टर को दिखाने पर पता चला कि उनके कान में छेद है। अपोलो अस्पताल के सर्जन डॉ. जॉय वर्गीज ने बताया, ‘हमने खुली आंखों से मरीज के कान के रास्ते मस्तिष्क को देखा।

हालांकि हमने जांच रिपोर्ट आने तक इसका इंतजार किया। स्कैन के बाद हमारा शक सही निकला। इसके बाद हमने मरीज को सर्जरी के लिए राजी किया ताकि हम उस छेद को बंद कर सकें।’ डॉक्टरों ने बताया कि ऐसी स्थिति जानलेवा भी है। कई बार इस स्थिति में गभीर संक्रमण के भी खतरे होते हैं। डॉ.वर्गीज और उनकी टीम ने 8 घंटे की लंबी सर्जरी के बाद मस्तिष्क के उभर आए उस बाहरी हिस्से को हाटकर छेद को बंद कर दिया। लोगननाथन ने बताया, ‘मुझे अजीबोगरीब आवाजें सुनाई देती थीं। जैसे धड़कन की आवाज। मुझे पता था कि मुझे सर्जरी से गुजरना पड़ेगा। पर, मैं डर रहा था। सर्जरी के बाद अब मैं ठीक हूं। अब मुझे अजीब आवाजें नहीं सुनाई दे रहीं।’

सिर और कान दर्द से परेशान थे लोकननाथ
लोकननाथन ने बताया कि पिछले एक वर्ष से वह लगातार सिर दर्द और दाईं कान में दर्द से परेशान थे। कुछ डॉक्टरों ने इसे संक्रमण बताते हुए कुछ दवाएं दीं। यही नहीं इस संक्रमण को दूर करने के लिए वह सर्जरी से भी गुजरे। लोकननाथन के मुताबिक सर्जरी के कुछ महीने बाद ही उन्हें दूसरी समस्याएं महसूस होने लगीं। उनके दाहिने कान से पानी जैसे तरल पदार्थ के रिसाव के साथ ही उन्हें सिर में भी तेज दर्द रहने लगा। इसके बाद उन्होंने अपोलो के डॉक्टरों से सलाह ली और सर्जरी के लिए राजी हुए।

डॉक्टरों को संदेह, दुर्घटना या कान में संक्रमण से ऐसा
उधर, डॉक्टर भी अभी इसे लेकर स्पष्ट कुछ नहीं बता पा रहे हैं कि आखिर कान की छेद के रास्ते मस्तिष्क का हिस्सा बाहर कैसे आ रहा था। हालांकि उन्होंने संदेह जताया है कि करीब 10 वर्ष पहले हुई दुर्घटना या कान में लंबे समय से रहे संक्रमण के कारण शायद ऐसा हुआ है।

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