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सीबीआई की टीम फर्म के बारे में 24 घंटे खोजती रही सुबूत, नहीं म‍िली जानकारी

मुरादाबाद : समाजवादी पार्टी की अखिलेश यादव सरकार में राजधानी लखनऊ में बनाए गए गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण में घोटाले के मामले में सीबीआइ की टीम ने एक साथ कई राज्यों में सोमवार को छापेमारी की थी। सूबे के 15 जिलों में सीबीआइ की टीम ने छापेमारी करके इस घोटाले के सुबूत एकत्र करने का काम किया। सीबीआई की एक टीम ने मुरादाबाद में डेरा डाल रखा था। करीब 24 घंटे तक यह टीम मुरादाबाद की एक फर्म का पता खोजती रही। लेकिन देर रात तक फर्म के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी नहीं हासिल हुई। जिसके बाद टीम वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गई। इस छापेमारी की जानकारी के बाद वाणिज्यकर विभाग के अधिकारी भी सतर्क हो गए थे।

अधिकारी अपने यहां रजिस्टर्ड 15 हजार फर्म में पीके सक्सेना के नाम से दर्ज फर्म के नाम और पते खोजने में जुट गए हैं। एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन ने बताया कि अभी तक उनसे कोई सूचना नहीं मांगी गई है, फिर भी वह इस नाम से दर्ज फर्म के बारे में जानकारी एकत्र करने का काम कर रहे हैं। सोमवार की सुबह से रेलवे गेस्ट हाउस में सीबीआई की टीम पहुंच गई थी। इस दौरान सीबीआइ ने गोमती रिवर फ्रंट के निर्माण कार्य का टेंडर लेने वाली प्रमोद कुमार सक्सेना के नाम से दर्ज फर्म पीके सक्सेना के दस्तावेजों की खोजबीन शुरू कर दी थी। इस दौरान गोपनीय रूप से कई विभागों के अधिकारियों को बुलाकर इस फर्म के संबंध में जानकारी हासिल करने का प्रयास किया। लेकिन स्थानीय स्तर पर सीबीआइ को बहुत कुछ जानकारी नहीं मिल पाई। सीबीआइ फर्म के रजिस्ट्रेशन को लेकर जो नाम और पता दिया गया था, उस ठिकाने पर जाना चाहती थी, लेकिन जो नाम-पता दिया गया था, उसके बारे में शायद अधिकारियों को बहुत ज्यादा जानकारी नहीं हासिल हो सकी।

इसी के चलते फील्ड में सीबीआइ की टीम नहीं दिखाई दी। रेलवे गेस्ट हाउस में करीब 24 घंटे तक रुकने के बाद टीम देर रात वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गई। गौरतलब है कि गोमती रिवर फ्रंट में काम करने के लिए 189 फर्म का रजिस्ट्रेशन करने के साथ ही उन्हें काम सौंपा गया था। जिन फर्म का रजिस्ट्रेशन किया गया था, उसमें उत्तर प्रदेश के 15 जिलों की फर्म के साथ ही राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, महाराष्ट्र के साथ ही आंध्र प्रदेश की रजिस्टर्ड फर्म को काम सौंपा गया था। सीबीआई अब इन सभी फर्म का लेखा-जोखा चेक करने का काम कर रही है। सीबीआई की छापेमारी के बाद वाणिज्यकर विभाग जांच में जुटा : सूबे के अलग-अलग जनपदों में सीबीआइ की छापेमारी की कार्रवाई के बाद वाणिज्यकर विभाग अधिकारी भी सक्रिय हो गए।

विभागीय अफसर अब पीके सक्सेना के नाम दर्ज हुई सभी फर्म के नाम और पते खोजने में जुट गए हैं। अफसरों को अंदेशा है कि उनसे भी इस फर्म के रजिस्ट्रेंशन से संबंधित जानकारी मांगी जा सकती है। वाणिज्यकर विभाग के एडिशनल कमिश्नर ग्रेड-वन अरविंद कुमार ने बताया कि वह इस नाम से दर्ज फर्म के नाम और पते का सत्यापन करा रहे हैं, हालांकि उनके विभाग से शासन या सीबीआइ के अधिकारियों ने कोई संपर्क नहीं किया है। लेकिन सतर्कता बरतते हुए यह कार्रवाई की जा रही है।

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