अजब-गजबअन्तर्राष्ट्रीयफीचर्डराजनीति

सीरिया संकट सुलझाने में अहम रोल निभा सकता है भारत

अम्मान : नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी की स्थापित ‘लॉरेट्‌स एंड लीडर्स फॉर चिल्ड्रेन’ की दूसरी शिखर बैठक का आयोजन आगामी 26-27 मार्च को जॉर्डन के डेड सी स्थित ‘किंग हुसैन बिन तलाल कन्वेंशन सेंटर’ में हो रहा है। जॉर्डन के प्रिंस को उम्मीद, सीरिया संकट सुलझाने में अहम रोल निभा सकता है भारत सीरिया में 2011 में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद से बड़ी संख्या में शरणार्थी जॉर्डन की सीमा में दाखिल हुए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हालिया जॉर्डन दौरे के बैकग्राउंड में जॉर्डन के शाही परिवार के खास सदस्य प्रिंस अली बिन अल हुसैन ने कहा कि दुनिया की एक अहम ताकत होने के नाते भारत से सीरिया संकट, खासकर शरणार्थी संकट के समाधान में अहम भूमिका निभाने की उम्मीद है।
लॉरेट्स एंड लीडर्स फ़ॉर चिल्ड्रेन समिट से पहले प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में प्रिंस अली ने कहा, ‘हम यहां राजनीतिक मुद्दे पर बात करने के लिए नहीं हैं, लेकिन इतना जरूर कहूंगा कि भारत और जॉर्डन के बीच रिश्ते बेहतरीन हैं। प्रिंस अली जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला सानी बिन अल हुसैन के चचेरे भाई और अपने देश के रॉयल गार्ड्स में कमांडर भी रह चुके हैं, वह 26-27 मार्च को होने जा रही लॉरेट्स एंड लीडर्स फ़ॉर चिल्ड्रेन शिखर बैठक-2018 के सह-आयोजक हैंप्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने हाल ही में जॉर्डन का दौरा किया था और दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और कई मुद्दों पर बात की। भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और दुनिया की एक ताकत है। ऐसे में हम इस मुद्दे (सीरिया और शरणार्थी संकट) के समाधान में भूमिका निभाने और दूसरे स्थानों पर शरणार्थी संकट में सहयोग के लिए भारत की तरफ देखते हैं। प्रिंस अली की टिप्पणी का समर्थन करते हुए नोबेल पुरस्कार विजेता कैलाश सत्यार्थी ने कहा, ‘भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, वह शांति और मानवता का संदेश देने वाली धरती है, भारत दुनिया में तीसरा सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला देश है और वहां सदियों से लोग मिलजुलकर रहते आये हैं। शांतिपूर्ण जीवन हमें विरासत में मिला है, ऐसे में भारत सरकार और जनता की यह जिम्मेदारी भी है कि वे दूसरे देशों में भी इन मूल्यों का प्रसार करें। इन मूल्यों से सीरिया संकट के समाधान में मदद मिल सकती है। सत्यार्थी ने यह भी कहा, भारत हमेशा से दूसरों की मदद करता आया है, मिसाल के तौर पर अफगानिस्तान, नेपाल और सूडान में, जहां भारत बड़े पैमाने पर मदद कर रहा है, वह दूसरे स्थानों पर भी मदद कर रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने 10 फरवरी को जॉर्डन और फिलिस्तीन का दौरा किया था। इसके बाद जॉर्डन के शाह अब्दुल्ला सानी बिन अल हसन ने 27 फरवरी-एक मार्च को भारत का तीन दिवसीय दौरा किया था, शाह अब्दुल्ला द्वितीय की इस यात्रा के दौरान भारत-जॉर्डन के बीच रक्षा और व्यापार सहित विभिन्न क्षेत्रों में 12 समझौतों/सहमति पत्रों पर हस्ताक्षर किये गए थे। पश्चिम एशिया के शरणार्थी संकट पर प्रिंस अली ने कहा, ‘पश्चिम एशिया में शरणार्थी संकट के समाधान को हल करने में जॉर्डन प्रमुख भूमिका निभा रहा है, सबसे अधिक शरणार्थियों को जगह देने वालों में जॉर्डन का स्थान दूसरे नम्बर पर है, हम आशा करते हैं कि इस शिखर बैठक से जॉर्डन और इस क्षेत्र में शरणार्थियों खासकर बच्चों से जुड़े मुद्दों के समाधान को लेकर हम कुछ कारगर उपाय पेश करेंगे। सीरिया में 2011 में गृह युद्ध की शुरुआत के बाद से बड़ी संख्या में शरणार्थी जॉर्डन की सीमा में दाखिल हुए, विभिन्न अंतरराष्ट्रीय एंजेसियों के आकलन के मुताबिक फिलहाल जॉर्डन में 10 लाख से अधिक शरणार्थी रह रहे हैं।
‘लॉरेट्स एंड लीडर्स फ़ॉर चिल्ड्रेन’ के संस्थापक सत्यार्थी ने कहा, ‘युद्ध, हिंसा, प्राकृतिक आपदा या किसी भी दूसरी तरह की त्रासदी के लिए बच्चे जिम्मेदार नहीं रहे, इसके बावजूद इन हिंसक संघर्षों और त्रासदियों के सबसे ज्यादा शिकार बच्चे हैं, राजनीतिक और नैतिक रूप से तत्काल इसकी जरूरत है कि बच्चों का वर्तमान और भविष्य सुरक्षित किया जाये। वहीँ प्रधानमंत्री (नरेंद्र मोदी) ने हाल ही में जॉर्डन का दौरा किया था और दोनों देशों ने विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और कई मुद्दों पर बात की, भारत तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और दुनिया की एक ताकत है, ऐसे में हम इस मुद्दे (सीरिया और शरणार्थी संकट) के समाधान में भूमिका निभाने और दूसरे स्थानों पर शरणार्थी संकट में सहयोग के लिए भारत की तरफ देखते हैं।

Related Articles

Back to top button