सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद तीन बच्चों की मां को दिया तलाक
मेरठ: कुछ दिनों पूर्व देश में तीन तलाक के मुद्दे को लेकर जबरदस्त बहस हुइर्, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने तीन तलाक के मुद्दे पर 22 अगस्त को अपना फैसला सुनाते हुए उसे असंवैधानिक करार दे दिया है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी सरधना में तीन बच्चों की माँ को तलाक देने का मामला सामने आया है। तलाक देने वाले युवक ने पंचायत के बीच ही कह डाला तलाक तलाक तलाक। लोगों ने सुप्रीम कोर्ट का फैसला याद दिलाया तो युवक ने दबंगई दिखाते हुई कहां वह सुप्रीम कोर्ट का फैसला है और यह मेरा फैसला है। जानकारी के मुताबिक सरधना के मोहल्ला कमरा नवाबान निवासी साबरीन पुत्र यामीन ने 6 वर्ष पूर्व अपनी पुत्री अरशी निदा का निकाह मोहल्ले के ही सिराज खान पुत्र रियाज खान के साथ किया था। अरशी निदा के मुताबिक़ निकाह के बाद से ही उसके ससुरालियों ने दहेज की खातिर उसका उत्पीडऩ करना शुरू कर दिया था। इस बीच उसने तीन बच्चो को जन्म दिया।
जुबेर चार वर्ष जैनब तीन वर्ष व कुछ माह पूर्व उसके पुत्री पैदा हुई जिसका नाम रहमत है। जिसकी छटी के नाम पर उसके ससुरालियों ने सेंट्रो कार के साथ एक लाख की नगदी भी मांगी। मांग पूरी न होते देख उसके ससुरालियों ने मारपीट कर उसे घर से निकाल दिया था। इस संबंध में उसने अपने ससुरियों के खिलाफ थाने में तहरीर देकर कार्यवाई की मांग की थी। इसका पता चलने पर उसके ससुराल वाले उसके मायके में आए और तहरीर देने को लेकर उसके साथ मारपीट की। उसी बीच मोहल्ले के लोग एकत्रित हो गए और ससुरालियों को समझाने का प्रयास किया। उसी समय उसके पति सिराज खान ने उसे तलाक तलाक तलाक बोल दिया। लोगों ने जब सिराज को बताया की अभी कुछ देर पहले ही तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया है और इसे असंवैधानिक करार दिया है तो सिराज ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को उसका और इस फैसले को अपना फैसला बताकर सुप्रीम कोर्ट का मजाक उड़ाया।
पीडि़ता ने अपने पिता व भाई के साथ थाने पहुंचकर आरोपियों के खिलाफ कार्यवाई की मांग की है। पीडि़ता ने पति सिराज, ससुर रियाज, सास मोइना, नन्द ज़ीनत, दरक्शा, व रिज़वाना को नामजद किया है। पीडि़ता अरशी निदा ने बताया की तीन बच्चो के अलावा वह गर्भ से भी है। उसका पिता आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। ऐसे में उसके सामने बच्चों का पालन पोषण करने के लिए संकट खड़ा हो गया है। हमारी सरकार व कानून उसके ससुरालियों के खिलाफ कठोर कार्यवाई के साथ उसकी जीवनी के लिए भी कदम उठाए उसके ससुराल वालों से उसे खर्च दिलाने की भी कार्यवाई करें। अरशी निदा की माँ नाज़मा का रो-रोकर बुरा हाल है।