सुप्रीम कोर्ट ने कहा- MCI रक्षाबंधन-जन्माष्टमी जैसे धार्मिक त्योहारों पर भी करें काम
लखनऊ. सुप्रीम कोर्ट की एक बेंच ने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) को रक्षाबंधन और जन्माष्टमी पर भी लखनऊ के करियर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल के इंफ्रास्ट्रक्चर की जांच पूरी करने का आदेश दिया है। मामले की सुनवाई कर रही बेंच की अध्यक्षता एचएल दत्तू कर रहे थे, उनके अलावा इसमें जस्टिस कुरियन जोसेफ और जस्टिस अमिताभ रॉय शामिल थे। सोमवार को बेंच ने फैसला सुनाया कि धार्मिक त्योहार काम नहीं करने का आधार नहीं हो सकते हैं।मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने कहा था कि वीकेंड पर रक्षाबंधन है और अगले हफ्ते जन्माष्टमी है। यूपी में इन दोनों त्योहारों का काफी ज्यादा धार्मिक महत्व है। इससे जांच में परेशानी होगी। इसके जवाब में जस्टिस एचएल दत्तू ने तीन हफ्ते में 20 सितंबर तक जांच पूरी करने का आदेश दिया है। करियर इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड हॉस्पिटल की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट निधेश गुप्ता का कहना था कि MCI की शिकायतों को दूर कर दिया गया है। एक बार फिर से जांच कराने से कॉलेज को साल 2015-16 सेशन के एडमिशन से वंचित नहीं किया जाना चाहिए, जो कि 30 सितंबर तक होना है। इसके बाद कोर्ट ने 20 सितंबर तक जांच पूरी कर लेने का आदेश दिया।बताते चलें कि जस्टिस कुरियन जोसेफ की वजह से यह आदेश और भी खास हो गया है। उन्होंने ही तीन अप्रैल को गुड फ्राइडे के मौके पर मुख्य न्यायाधीशों की कांफ्रेंस बुलाए जाने का विरोध किया था। इस कॉन्फ्रेंस को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एचएल दत्तू ने बुलाई थी। उस दौरान जस्टिस कुरियन का कहना था कि ऐसे आयोजन दिवाली दशहरा या ईद के मौके पर नहीं किए जाते हैं।