सुशील की उम्मीदें बरकरार, कहा, पदक लाने वाले खिलाड़ी को भेजें रियो
ओलंपिक में देश को दो बार पदक दिलाने वाले स्टार पहलवान सुशील कुमार को रियो ओलंपिक के संभावित खिलाडिय़ों की सूची में नाम न होने का मलाल है, लेकिन उनकी उम्मीदें खत्म नहीं हुईं हैं।
उन्होंने कहा है कि मंगलवार को वह भारतीय कुश्ती संघ के पदाधिकारियों से मुलाकात करेंगे। उसके बाद ट्रायल से संबंधित फैसला लिया जा सकता है। वह चाहते हैं कि संघ दावेदार पहलवान को ही ओलिंपिक भेजे। सुशील कुमार ने कल कहा कि मैंने न उम्मीद छोड़ी है, न ही अभ्यास।
ओलंपिक तैयारी को लेकर पसीना बहा रहा हूं। कुश्ती संघ को ट्रायल कराने के लिए इसलिए नहीं बोल रहा कि मैं चैंपियन रहा और दो बार ओलंपिक पदक जीत चुका हूं। जो नियम हैं उसका पालन करना जरूरी है। यह सभी देशों में होता है। पदक जीतने के सबसे मजबूत खिलाड़ी को मौका मिलना चाहिए।
उन्होंने कहा कि मैं 1998 से कुश्ती में देश को शोहरत दिला रहा हूं। आगे भी दिलाता रहूंगा। रियो में नहीं भेजे जाने के सवाल पर सुशील ने कहा कि मुझे मलाल नहीं है। देश ने जो सम्मान और प्यार दिया है उसे नहीं भूलूंगा। परेशान तो वह होता जिसके पीछे कोई नहीं होता है।
नरसिंह यादव द्वारा सोनीपत आकर मुकाबला कर लेने के सवाल पर सुशील ने कहा कि ऐसा नहीं है कि नरसिंह के साथ कभी मेरी कुश्ती नहीं हुई। मैंने उसे अलग-अलग वर्ग में दो बार हराया है। अब तीसरी 74 किग्रा वजन वर्ग में कुश्ती होनी है। उसमें भी जीत की उम्मीद है।