अन्तर्राष्ट्रीय

सूडान हादसे में मारे गए अधिकतर लोग यूपी, बिहार, तमिलनाडु के थे

सूडान में एलपीजी टैंकर धमाके में मारे गए भारतीयों में से अधिकतर तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और बिहार से ताल्लुक रखने वाले हैं। अधिकारी अब इनकी पहचान में जुटे हैं। साथ ही शवाें को अंतिम संस्कार के लिए भारत लाया जा रहा है। वहीं गुरुवार को एक और भारतीय की मौत हो गई। भारतीय दूतावास ने लापता, अस्पताल में भर्ती और हादसे में बचे भारतीयों के नामों की सूची जारी की है। खारतूम के बहरी क्षेत्र में सीला सेरेमिक फैक्ट्री में मंगलवार को हुए इस धमाके में मरने वालों की संख्या 23 हो गई है। इनमें 18 भारतीय हैं। गुरुवार को एक अन्य भारतीय नीरज कुमार सिंह की मौत हो गई। वह बिहार से ताल्लुक रखते थे।

हादसे में 130 लोग घायल हुए हैं। अस्पताल में सात भारतीय भर्ती हैं, जिनमें से चार की स्थिति खराब है। वहीं 16 लोग अभी लापता हैं। इनमें उत्तर प्रदेश के प्रदीप वर्मा, हरिनाथ, मोहित कुमार, जीशान खान, हरियाणा के पवन व प्रदीप, दिल्ली के इंतेजार खान, बिहार के नितीश मिश्रा, अमित तिवारी, राम कुमार और तमिलनाडु के रामकृष्णन, राज शेखर, वेंकटचलम शामिल हैं।

राजस्थान के जयदीप और गुजरात के सोमाभाई फागी भी लापता हैं। वहां मौजूद एक अधिकारी ने बताया कि मृतकों के शरीर बुरी तरह से जल गए हैं, उनमें से अधिकतर की पहचान नहीं हो पा रही है। लापता लोगों में से कुछ मृतकों में हो सकते हैं। अंतिम संस्कार के लिए मृतकों के शव भारत लाए जा रहे हैं।

हादसे के समय 53 भारतीय थे फैक्ट्री में : विदेश मंत्री
विदेश मामलात मंत्री एस जयशंकर ने हादसे पर दुख जताया और बताया कि फैक्ट्री में 60 भारतीय कार्यरत थे। इनमें 53 हादसे के समय फैक्ट्री और पास के क्षेत्र में मौजूद थे। हादसे से बचे 33 भारतीयों को सलूमी फैक्ट्री आवास में रखा गया है। जल्द से जल्द पहचान के लिए भारत सूडान के अधिकारियों के साथ जुट गया है।

गैस टैंकर में विस्फोट से लगी आग
अमेरिका की यात्रा पर गए सूडान के प्रधानमंत्री अब्दुल्लाह हमदोक ने मृतकों के परिजनों के प्रति संवेदना जताई है। सूडान के अधिकारियों ने अपनी जांच के बाद दावा किया है कि गैस टैंकर में विस्फोट के बाद आग लगी। फैक्ट्री में सुरक्षा के जरूरी कदम नहीं उठाए गए थे, न उपकरण थे। साथ ही ज्वलनशील पदार्थ भारी मात्रा में जमा था।

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