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सूर्यदेव को जल देते समय ध्यान रखें ये जरूरी बातें…

सूर्य को जल, हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सूरज को जल का अर्ध्य देकर नमस्कार करना बहुत ही शुभ माना जाता है। पुरातन काल से ही सूर्य देव की उपासना लोग करते आ रहें हैं। और आज भी इनकी कृपा दृष्टि के लिए लोग सूरज को जल नियमित रूप से अर्पित करते हैं। विष्णु पुराण, भगवत पुराण, ब्रह्मा वैवर्त पुराण आदि में सूरज को जल चढ़ाने की महिमा के बारे में विस्तार से चर्चा की गई है। और सूरज देव को प्रत्यक्ष देवता की उपाधि दी गई है क्योंकि हर कोई इनके दर्शन कर सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं की आखिर लोग सूर्य को जल क्यों देते हैं। सूर्य को जल देने का सही तरीका क्या है,

क्यों चढ़ाया जाता है सूर्य को जल ?
सभी ग्रहों में सूरज ग्रह को ज्येष्ठ यानी की सबसे बड़े ग्रह का दर्जा दिया गया है। और सबसे बड़ा होने के कारण इनकी कृपा सभी पर बनी रहें इसीलिए लोग सूरज को अर्ध्य अर्पित करते हैं। या फिर किसी जातक की कुंडली में यदि सूर्य की स्थिति सही न हो। या फिर सूर्य का ताप अधिक हो तो उन लोगो को सूर्य को जल चढाने की सलाह दी जाती है।

सूरज को जल चढाने का सही तरीका
कई बार सूरज को अर्ध्य चढाने पर भी आपको इसके बेहतर परिणाम नहीं मिल पाते हैं। ऐसे में जातक का इन सब से विश्वास उठ सकता है। लेकिन क्या आपने सोचा है की शायद आप गलत तरीके से जल चढ़ा रहें हो। या फिर सूरज को जल चढ़ाते समय कुछ ऐसा कर रहें हो जो सही न हो। इसी कारण इसका कोई असर न हो रहा हो। तो लीजिये आज हम आपको सूरज को अर्ध्य चढाने के सही तरीके के बारे में बताने जा रहें हैं।

सूरज देव को जल चढाने का सबसे पहला नियम होता है।
की सूर्य देव के निकलने के एक घंटे के भीतर ही उन्हें जल का अर्ध्य देना चाहिए।
यह बहुत फायदेमंद होता है।
या फिर आप आठ बजे तक भी नहा धोकर भी जल चढ़ा सकते हैं लेकिन ज्यादा देरी नहीं करनी चाहिए।
जल अर्पण करते समय आपका मुँह पूर्व दिशा की और होना चाहिए।
यदि कभी किसी कारण सूर्य नहीं दिख रहा है।
तो भी पूर्व दिशा की और ही खड़े रहकर जल अर्पण करना चाहिए।
अर्ध्य देते समय आपके दोनों हाथ आपके सिर से ऊपर होने चाहिए।
ताकि सूर्य की सातों किरणों का प्रकाश आप पर पड़ सके।
आप चाहे तो जल में फूल व् चावल में डाल सकते हैं।
जल अर्पित करने के बाद तीन बार परिक्रमा भी जरूर करें।
सूर्य मंत्र का जाप लगातार करते रहें, ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।
यदि आपकी कुंडली में सूर्य देव की स्थिति सही नहीं है।
तो आपको लाल रंग के वस्त्र पहनकर सूर्य को जल चढ़ाना चाहिए।
और धूप व् अगरबत्ती भी जलाकर पूजा करनी चाहिए।

तो यह हैं सूर्य को जल अर्पित करने का सही तरीका। यदि आप भी सूरज को अर्ध्य अर्पण करते हैं तो आपको इन टिप्स का खास ध्यान रखना चाहिए।

 

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